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Ambala News: सब सेंटर के भवन भी खस्ता हाल, कैसे होगा मरीजों का उपचार Latest Haryana News

Ambala News: सब सेंटर के भवन भी खस्ता हाल, कैसे होगा मरीजों का उपचार Latest Haryana News

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सीएमओ कार्यालय अंबाला सिटी। आर्काइव

अंबाला सिटी। जिला अंबाला के ग्रामीण क्षेत्रों में बने स्वास्थ्य केंद्र और सब सेंटर में भी व्यवस्थाएं डामाडोल हैं। कहीं पर कर्मचारियों और चिकित्सकों का अभाव है तो वहीं कहीं पर शौचालय जैसी सुविधाओं का भी टोटा है। ऐसे में मरीज इन केंद्रों में नहीं आते और निजी चिकित्सकों और अस्पतालों के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं जबकि जिले में करीब 103 सब सेंटर हैं, 17 पीएचसी, पांच सीएचसी, एक मंडल अस्पताल और पोलिक्लीनिक भी है। जहां पर मरीजों का उपचार किया जाता है। इनमें से नौ पीएचसी और एक सीएचसी पर 37 चिकित्सकों की कमी है।

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सब सेंटर के पास अपनी जमीन भी नहीं

जिला अंबाला में अधिकतर सब सेंटर ऐसे हैं जिनके पास अपनी जमीन भी नहीं है। इसके अलावा हमीदपुर और कालाअंब केंद्र के भवन भी खस्ता हाल है। कहीं पर जलभराव रहता है तो हमीदपुर के केंद्र में तो शौचालय भी खस्ता हाल में है। इधर आयुष आरोग्य मंदिरों में भी आयुर्वेदिक चिकित्सक नहीं है।

ऐसे में सीएचसी स्तर पर मिलने वाली 30 बेड और पीएचसी स्तर पर मिलने वाली छह बेड की सुविधाओं का कोई भी लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है।

गर्भवतियों को सबसे अधिक समस्या

ग्रामीण क्षेत्रों के केंद्रों में गर्भवतियों की जांच के लिए दी जाने वाले सुविधाएं खून की जांच, अल्ट्रासाउंड व अन्य कई प्रकार के टेस्ट करवाने के लिए कोई सुविधाएं नहीं है। इतना ही नहीं आपातकालीन में गर्भवति को अपने क्षेत्र से अस्पताल तक जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं मिल पाती है। दवाओं की कमी के कारण भी गर्भवतियों को लंबा सफर तय कर नागरिक अस्पतालों तक आना पड़ता है।

नारायणगढ़ में नहीं है पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड की सुविधा

नारायणगढ़ अस्पताल में वैसे तो सभी सुविधाओं की ही कमी रहती है लेकिन पोस्टमार्टम करने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ की कमी रहती है। इसलिए गंभीर मामलों में शव को सिटी के नागरिक अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। ऐसे में पोस्टमार्टम के लिए ही एक से दो दिन लग जाते हैं। जिससे परिजनों को भी अधिक लंबा सफर करना पड़ता है और निजी एंबुलेंस का खर्च भी देना पड़ता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जमीन खरीदी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक चिकित्सकों की कमी है। जिसके लिए बार- बार सरकार से मांग की जाती है। चिकित्सक आते ही व्यवस्थाएं भी दुरूस्त हो जाएंगी।

डॉ़ हितार्थ, नोडल अधिकारी उपकरण व एंबुलेंस सेवाएं स्वास्थ्य विभाग।

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