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- RBI Repo Rate Update | RBI Monetary Policy Meeting 2024; Shaktikanta Das MPC
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग का आज यानी 8 अगस्त को आखिरी दिन है। (फाइल फोटो)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग का आज यानी 8 अगस्त को आखिरी दिन है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुबह 10 बजे मीटिंग को लेकर स्टेटमेंट जारी करेंगे। वहीं 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीटिंग में लिए फैसलों की जानकारी देंगे। ये वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी मीटिंग होगी।
जानकारों के अनुसार इस मीटिंग में RBI रेपो रेट यानी इंटरेस्ट रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं है। अभी रेपो रेट 6.50% पर बनी हुई है। RBI ने 8 फरवरी 2023 के बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछली मीटिंग जून में हुई थी।
जून में RBI ने GDP अनुमान बढ़ाया था, महंगाई अनुमान बरकरार रखा
- RBI ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2% किया
- RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 का महंगाई अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा
महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल है रेपो रेट
RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा।
बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।
इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।
इसे उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।
जानिए महंगाई के आंकड़े क्या कहते हैं?
1. जून में रिटेल महंगाई 5.08% रही थी
जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08% पर पहुंच गई थी। यह महंगाई का 4 महीने का उच्चतम स्तर था। अप्रैल में महंगाई 4.85% रही थी। वहीं मई में महंगाई 4.75% रही थी। NSO ने 12 जुलाई को ये आंकड़े जारी किए थे। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2%-6% है।
2. जून में थोक महंगाई 3.36% रही थी
जून में थोक महंगाई 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी। 15 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में थोक महंगाई बढ़कर 3.36% रही। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। खाद्य महंगाई मई के मुकाबले 7.40% से बढ़कर 8.68% हो गई।
महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।
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RBI-गवर्नर ब्याज दरों के फैसले की जानकारी 10 बजे देंगे:रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं, 2023 से दरें 6.50% पर स्थिर