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03जेएनडी31-सावित्रीबाई फुले की जयंती पर मौजूद महिलाएं। स्रोत संगठन

जींद। डॉ. बीआर आंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से शुक्रवार को संत शिरोमणी गुरु रविदास धर्मशाला में नारी मुक्ति आंदोलन की प्रेणता एवं देश की प्रथम शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले की जयंती मनाई। शुरुआत में सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उसे श्रद्धांजलि दी। इस दौरान गीता, सुमन, संतोष आर्य ने माता सावित्री बाई फुले को लेकर विचार रखे। कविता ने फुले पर गीत प्रस्तुत किया। गुरनाम बौद्ध ने बुद्ध वाणी प्रस्तुत की। सुभाष तितरम ने कहा कि सावित्रीबाई फुले का जन्म तीन जनवरी 1831 को हुआ था। उनका विवाह 1841 में महात्मा ज्योतिराव फुले से हुआ था। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। महात्मा ज्योतिराव को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया, जिसका उद्देश्य विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना था। अंत में राहगीरों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर प्रधान राजेश पहलवान, सुमित्रा, रोशनी, गीता बिबियन, मूर्ति, प्रदीप, प्रेम, सतीश नरवाल मौजूद रहे।
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