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कुरुक्षेत्र। कुवि में आयोजित राज्य स्तरीय वीर बाल दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्यमंत्री न
कुरुक्षेत्र। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म ने देश को 10 महान गुरु दिए। इन गुरुओं ने देश और समाज के लिए अनंत कुर्बानियां दीं। हरियाणा की पावन धरा से श्री गुरु नानक देव जी सहित सभी गुरुओं का गहरा संबंध रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में राज्यस्तरीय वीर बाल दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रदेश के कई चौक, पुस्तकालय, राजमार्ग और कॉलेज के नाम गुरुओं और साहिबजादों के नाम पर रखने का एलान किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने हरियाणा की धरती से सिख गुरुओं से गहरे संबंध से संगत को अवगत कराया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के श्रद्धेय शीश को आनंदपुर साहिब पहुंचाने के लिए अपना शीश देने वाले कुशाल दहिया का संबंध सोनीपत में बढ़ खालसा गांव से रहा। मुख्यमंत्री ने यमुनानगर स्थित कपालमोचन तीर्थ का उल्लेख करते हुए कहा कि यही से श्री गुरु नानक देव जी ने सर्वधर्म समभाव के लिए लंगर, संगत और पंगत की अवधारणा शुरू की थी। वहीं पर भंगाणी युद्ध के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी 52 दिन ठहरे थे और दस्तारबंदी की प्रथा शुरू की थी।
कहा कि जिला अंबाला में लखनौर साहिब अकालपुरख श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की ननिहाल थी। वहां पर उनका बचपन बीता। धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र और हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में समय-समय पर आठ गुरुओं का आगमन भी हुआ। पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश वर्ष में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। जिस मैदान पर समारोह हुआ उसका नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी मैदान रखा गया है।
कॉलेज, राजमार्ग और चौक के नाम बदले
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सिरसा में गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 70 कनाल भूमि प्रदान की गई है। यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा गया है। इसी तरह असंध के कॉलेज का नाम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा फतेह सिंह के नाम पर रखा गया है। लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम से वीएलडीए. कॉलेज स्थापित किया गया है। महान गुरु के सम्मान में पंचकूला से पांवटा साहिब राष्ट्रीय राजमार्ग का नाम बदलकर गुरु गोबिंद सिंह मार्ग रखने का निर्णय लिया है साथ ही विभिन्न स्थानों पर चौक, द्वार, पुस्तकालय, सड़क आदि के नाम गुरुओं के नाम पर रखे गए है।
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सिख धर्म के गुरुओं ने देश और समाज के लिए दी अनंत कुर्बानियां : नायब सैनी