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Rewari: माइनस 52 डिग्री में नरेंद्र ने अंटार्टिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मैसिफ पर्वत को किया फतह Latest Haryana News

Rewari: माइनस 52 डिग्री में नरेंद्र ने अंटार्टिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मैसिफ पर्वत को किया फतह  Latest Haryana News

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नरेंद्र सिंह यादव
– फोटो : संवाद

विस्तार


कोसली के नेहरूगढ़ के नरेंद्र सिंह यादव ने अंटार्टिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मैसिफ पर्वत (4892 मीटर) को 25 दिसंबर को 1:42 (सुबह) पर फतह कर भारतीय ध्वज तिरंगा लहराया। इसी के साथ सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को चढ़कर भारत के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर लिया है। नरेंद्र बताते हैं कि इस समय पर्वत का तापमान लगभग माइनस 52 डिग्री सेल्सियस चल रहा था। इस अभियान में 6 दिन का समय लगा।

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वहीं, अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे। नरेंद्र ने भारत का प्रतिनिधित्व कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अभियान को स्पार्क मिंडा ने स्पॉन्सर किया था, नरेंद्र ने अशोक मिंडा का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण किसान परिवार के बच्चे की काबलियत को समझा, जिसके चलते विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित किया है।कोसली उपमंडल के गांव नेहरूगढ़ के युवा पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव भारतीय प्रबंधन संस्थान-रोहतक के खेल प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर डिप्लोमा के छात्र हैं।

34 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़, 30 वर्ष के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही बने

नरेंद्र को विभिन्न वैश्विक रिकॉर्ड संस्थानों द्वारा विश्व सम्राट के रूप में सम्मानित जा चुका है और उन्होंने पर्वतारोहण में 22 प्रभावशाली विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। इस चढ़ाई को पूरा करके, वह सात शिखरों को प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष पर्वतारोही बन गए हैं। वर्तमान में सात शिखरों को पूरा करने का रिकॉर्ड एक पर्वतारोही के पास है, जिसकी उम्र 34 वर्ष, 7 महीने और 16 दिन थी। नरेन्द्र का लक्ष्य 30 वर्ष और 10 दिन की आयु में इस रिकार्ड को तोड़ दिया है तथा उपलब्धि हासिल कर विश्व के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही बन गए है।

सात महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना हुआ पूरा

सेना के जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र का सपना सभी सात महाद्वीपों को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपनी छाप छोड़ने का सपना पूरा हो गय है। नरेंद्र महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह कर कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई (मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन) और 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू समेत सभी प्रमुख पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरे कर लिए हैं।

नरेंद्र ने 2016 और 2022 दोनों ही बार बिना किसी अनुकूलन के सिर्फ छह दिनों में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। उन्होंने माउंट किलिमंजारो को चार बार, माउंट एल्ब्रस को दो बार ट्रैवर्स के जरिए और माउंट कोसियसको सहित ऑस्ट्रेलिया की दस सबसे ऊंची चोटियों पर तीन बार फतह किया है। इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकॉनकागुआ और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर भी फतह की है।

नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 वर्ष की आयु में स्कूल के दिनों में हुई थी शुरू

नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 वर्ष की आयु में उनके स्कूल के दिनों में शुरू हुई थी, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू किया। उन्होंने 2008 में नियमित रूप से पर्वतारोहण का अभ्यास करना शुरू किया था। 19 वर्ष की आयु में नरेेंद्र 6,512 मीटर ऊंची भागीरथी-2 और 5,612 मीटर ऊंची डीकेडी-2 पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे। उन्होंने कालिंदी दर्रा, वासुकी ताल दर्रा को भी सफलतापूर्वक पार किया और लेह और गढ़वाल में चोटियों पर चढ़े।

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