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24जेएनडी25: पुरानी मंडी में लोगों को संबोधित करते हुए श्रीश्री 1008 हरिओम महाराज। संवाद
उचाना। लोगों को हवन करने के लिए प्रेरित करने को लेकर यज्ञ सम्राट श्रीश्री 1008 हरिओम महाराज के सानिध्य में नगर परिक्रमा कर कुरुक्षेत्र में होने वाले महायज्ञ को लेकर पीले चावल एवं निमंत्रण पत्र दिए। शहर के बाजारों में हर हर महादेव की गूंज सुनाई दी।
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उन्होंने बताया कि कुरूक्षेत्र में 18 मार्च से 1008 कुंडीय जन कल्याण शिव शक्ति महायज्ञ होगा। 20 से अधिक राज्यों में महायज्ञ किए। कुरुक्षेत्र की धरती को इसलिए चुना क्योंकि कुरूक्षेत्र की धरती से गीता का संदेश पूरे विश्व में गया। कुरुक्षेत्र की धरती पर महायज्ञ करते है तो यज्ञ करने का संदेश भारत ही नहीं विश्व में जाएगा। कुरुक्षेत्र को पर्यटक स्थल नहीं बल्कि श्रद्धा का धाम बनाएंगे। ब्रह्म सरोवर में स्नान करके जब कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर हवन करोगे तो पितृ ऋण से मुक्ति मिलगी। हमें जीवन में मूल संस्कारों पर चलना चाहिए। 17 सितंबर को यज्ञ दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि उस समय बरसात होती रहती है। कीट, पंतगे, मच्छर उस समय पैदा होते है। इस दिन हवन करके गांव, घर, गलियों को शुद्ध कर दिया तो निश्चित रूप से डेंगू, मलेरिया जैसी महामारी से हर कोई बचेगा।
उन्होंने कहा कि निरंतर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण को शुद्ध करने का कोई तरीका बचा ही नहीं सिर्फ एक सरल सर्वोत्तम उपाय है अपने अपने घरों में यज्ञ करें। महीने, 15 दिनों में जरूर करें। जो हवन का धुआं होता है वो आपको एक महीने तक अकाल महामारी से बचाएगा। ऐसा हमारी नहीं बल्कि वैज्ञानिकों की सोच है। मानव रक्षा, जीव रक्षा के लिए यज्ञ करें। कुरूक्षेत्र की पावन धरती पर संकल्पित 108 महायज्ञों की श्रृंखला में 102वां 1008 कुंडीय जन कल्याण शिवशक्ति महायज्ञ होगा। इस अवसर पर जेपी कौशिक, वीरेंद्र करसिंधु, मनोहर लाल संगो, अनिल शर्मा, पवन शर्मा, राजू शर्मा, भीष्म, लक्ष्मी नारायण शास्त्री, बल्ली शर्मा, राजा शर्मा मौजूद थे।
महंगापुर के श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल में कबड्डी में प्रतिभाग करते स्कूली बच्चे। संवाद