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चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देते उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।
सिरसा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने शनिवार को तेजाखेड़ा फार्म में पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धासुमन अर्पित की। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसान के प्रति शासन और व्यवस्था क्रूर होती है, लेकिन चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने यह निश्चित कर दिया कि देश का उत्थान, प्रगति, शांति, विकास, किसान और गांव के विकास से जुड़ा हुआ है।
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उन्होंने हमें सिखाया कि रास्ता कठिन होगा, लोग बेवजह समस्याएं पैदा करेंगे, आपके कीर्तिमान को सही रूप से नहीं मानेंगे, पर निश्चित लक्ष्य है, किसान और ग्रामीण दोनों महत्वपूर्ण हैं। विकसित भारत का सपना किसान के खेत और ग्रामीण विकास से निकलेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जो मजबूती मैंने उनमें देखी, वो अनुकरणीय है। हमारे लिए मार्ग प्रशस्त करती है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि 5 दिन पहले ही उनसे मेरी बात हुई थी। उस समय भी वो मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछ रहे थे, मेरी चिंता ज्यादा कर रहे थे। 35 साल पहले का वो दिन, जब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर जो यात्रा शुरू करवाई, 9वीं लोकसभा में निर्वाचित करवाकर, मंत्री पद देकर, वो मैं भूल नहीं सकता। जब भी मौका मिला, मुझे उनका आशीर्वाद मिला। राज्यपाल का पद ग्रहण करते ही मैंने उनका आशीर्वाद लिया। जब खबर आई कि ओपी चौटाला की धर्मपत्नी नहीं रहीं, तब मेरी पत्नी ने कहा कि तुरंत पहुंचना है। मेरी पत्नी ने कहा- जब अपना इकलौता बेटा गया तब चौधरी ओमप्रकाश जी ने कहा कि अर्जुन भी अपने बेटे को नहीं बचा पाए थे, तुम आगे बढ़ते रहो।
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जो मजबूती ओमप्रकाश चौटाला में देखी वो अनुकरणीय : उपराष्ट्रपति