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कम सैलरी वालों को डराने वाली खबर! दिमागी सेहत बिगाड़ रही कम तनख्वाह Health Updates

कम सैलरी वालों को डराने वाली खबर! दिमागी सेहत बिगाड़ रही कम तनख्वाह Health Updates

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Low Salary For Mental Health : अगर आपकी सैलरी कम है तो आपके लिए चौंकाने वाली खबर है. एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कम तनख्वाह वाले लोगों की दिमागी सेहत तेजी से बिगड़ रही है. अध्ययन के अनुसार, कम इनकम (Low Income) वाले लोगों में तनाव, चिंता, डिप्रेशन, बर्नआउट जैसी मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं ज्यादा बढ़ रही हैं.इसके अलावा कम सैलरी वाले लोगों को अपनी फैमिली की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक काम करना पड़ सकता है, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो सकती है.

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दफ्तर में बर्नआउट की समस्या

फ्यूचर फोरम की एक रिसर्च के अनुसार, साल 2021 के बाद से वर्कप्लेस यानी दफ्तर में बर्नआउट अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन समेत 6 देशों में फुल टाइम डेस्क पर काम करने वाले 10,000 कर्मचारियों पर किए गए सर्वे में से 40% से ज्यादा ने माना कि वे बर्नआउट की समस्या से जूझ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे जॉब में बढ़ती मेंटल डिस्टेंस, एनर्जी की कमी और निगेटिविटी के रूप में देखा है. मई 2021 में फ्यूचर फोरम ने जब इस पर रिसर्च शुरू किया, तब 38% कर्मचारियों ने बर्नआउट को स्वीकार किया,जो अब 42% पहुंच गया है.

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वर्कप्लेस पर स्ट्रेस से काम प्रभावित

विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का कहना है कि वर्कर्स के स्ट्रेस की वजह से सालाना काम के काफी घंटे बर्बाद हो रहे हैं, जिससे ग्लोबल इकोनॉमी को हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. एक अन्य रिसर्च के अनुसार फाइनेंस सेक्टर में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. भारत समेत 10 देशों में हुई रिसर्च में दुनिया में 78% वर्कर्स अपनी जॉब में खुद को आगे बढ़ते और बेहतर होता नहीं देख रहे हैं. 

कम सैलरी किस तरह कर रहा प्रभावी 

कम सैलरी के अलावा सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना भी मानसिक सेहत के लिए ठीक नहीं है. इसका असर उनकी प्रोफेशनल लाइफ ही नहीं बल्कि फैमिली-पर्सनल लाइफ पर भी पड़ रहा है. गैलप की रिपोर्ट बताती है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में बर्नआउट के आंकड़े ज्यादा है. 2019 के बाद यह अंतर दोगुना हो गया है. रिसर्च में पाया गया है कि वर्कप्लेस पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम सैलरी, प्रमोशन न होना और फैमिली रिस्पॉन्सिबिलिटी से बर्नआउट जैसी समस्याएं ज्यादा बढ़ रही हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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