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जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से बैठक में चर्चा करते वाराणसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य।
भिवानी। शिक्षा विभाग की ओर से 11 से 14 दिसंबर तक तीन दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। शिक्षण की रचनात्मकता को समझने के लिए शिक्षकों को शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया। भ्रमण के लिए विभाग ने उत्तर प्रदेश राज्य के धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक जनपद वाराणसी के आठ खंडों को चुना। इसमें भिवानी जिले में पांच सदस्यों की टीम का चयन किया गया।
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इसके नेतृत्वकर्ता जिला समन्वयक एफएलएन ललित मेहतानी रहे। ललित मेहतानी के अतिरिक्त चार सदस्य शकुंतला देवी मॉडल संस्कृति राजकीय प्राथमिक पाठशाला झांवरी, सीमा देवी राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला जाटु लोहारी, डॉ. विजय लक्ष्मी एबीआरसी बवानीखेड़ा, सतीश आर्य राजकीय प्राथमिक पाठशाला जूई बिचली से शामिल हुए।
भ्रमण के दौरान टीम ने वाराणसी जनपद के विभिन्न विद्यालयों की अलग-अलग टीमें बनाकर भ्रमण करके शिक्षण की रचनात्मकता को बारीकी से देखा तथा कक्षा-कक्ष में शिक्षण में काम आने वाली प्रत्येक वस्तु का उपयोग किस प्रकार से किया जा रहा है। उसको भी सूक्ष्मता से देखा। इस दौरान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, राज्य हिंदी संस्थान वाराणसी का भी भ्रमण करवाया गया।
इसके अतिरिक्त जनपद वाराणसी में शिक्षा का ढांचा जिसमें मॉनिटरिंग तथा नीतियों का क्रियान्वयन जिला स्तर पर, खंड स्तर पर स्कूल स्तर पर और अंत: विद्यालय स्तर पर कैसे हो रहा है। इसमें वहां के खंड शिक्षा अधिकारी, सीआरसी, बीआरसी, एआरसी के साथ बैठक करके उन प्रक्रियाओं को जाना जो काफी लाभान्वित करने वाला था। इसके साथ-साथ निपुण भारत मिशन में भाषा पर भी जोर दिया गया।
वाराणसी के प्रत्येक अधिकारी, जिनको भी विभाग की ओर से नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपना कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ किया। इसके लिए शिक्षा विभाग हरियाणा व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी का आभार जताया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का उदघोष हो चुका है। जिसके तहत कक्षाओं में शिक्षण के परंपरागत तरीकों के साथ-साथ नए तरीके जिनके माध्यम से खेल-खेल में विभाग प्रकार की गतिविधियां करवाई जा रही हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से से शिक्षण को और ज्यादा रूचिकर बनाया जा रहा है।
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Bhiwani News: शिक्षण की रचनात्मकता को समझने के लिए विभाग ने शिक्षकों को करवाया शैक्षणिक भ्रमण