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GST परिषद ने शनिवार को जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर कर की दर घटाने का फैसला टाल दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में तय हुआ कि इस संबंध में कुछ और तकनीकी पहलुओं को दूर करने की जरूरत है। इस बारे में आगे विचार-विमर्श के लिए जीओएम को काम सौंपा गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्यों के उनके समकक्षों की मौजूदगी वाली परिषद ने यह फैसला किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों पर कराधान के बारे में फैसला करने के लिए बीमा पर जीओएम की एक और बैठक होगी। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, कुछ सदस्यों ने कहा कि और चर्चा की जरूरत है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।
जनवरी तक अब करना होगा इंतजार
परिषद ने चौधरी की अध्यक्षता में बीमा पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया है, जिसने नवंबर में अपनी बैठक में सावधि जीवन बीमा पॉलिसियों के बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी। अब राहत के लिए जनवरी तक इंतजार करना होगा। साथ ही स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए वरिष्ठ नागरिकों द्वारा दिए गए प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने का भी प्रस्ताव है। हालांकि, पांच लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी जारी रहेगा।
टैक्स रेट में बदलाव को टाला गया
जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपना टाल दिया। समिति के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रिपोर्ट में 148 वस्तुओं में दरों को युक्तिसंगत बनाने का सुझाव दिया गया था। चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रिसमूह (जीओएम) की रिपोर्ट परिषद की अगली बैठक में सौंपी जाएगी।” मंत्री समूह ने इसी महीने करीब 148 वस्तुओं पर कर दरों में फेरबदल करने पर व्यापक सहमति बनाई थी, जिसमें ‘हानिकारक’ पेय पदार्थ और तंबाकू उत्पादों जैसी वस्तुओं पर वर्तमान 28 प्रतिशत की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक कर लगाना शामिल है। व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी कि मंत्रिसमूह शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। वर्तमान में, जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की स्लैब हैं। विलासिता और बुरी मानी जाने वाली वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की उच्चतम दर से कर लगाया जाता है, जबकि डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ और आवश्यक वस्तुओं पर सबसे कम पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।
रेडीमेट कपड़े पर टैक्स रेट में बदलाव नहीं
जीओएम ने परिधान पर कर दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करने का भी फैसला किया था। निर्णय के अनुसार, 1,500 रुपये तक की लागत वाले तैयार कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा, 1,500 रुपये से 10,000 रुपये के बीच के कपड़ों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। 10,000 रुपये से अधिक की लागत वाले कपड़ों पर 28 प्रतिशत कर लगेगा। वर्तमान में 1,000 रुपये तक के कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि इससे अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। जीओएम ने 15,000 रुपये प्रति जोड़ी से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है। इसने 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है।
मंत्री समूह ने 20 लीटर और उससे ज़्यादा के डिब्बा बंद पेयजल पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने और 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर कर की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही, कॉपी पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया था।
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