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फतेहाबाद में निजी दुकान पर पहुंचा खाद का ट्रक। संवाद
फतेहाबाद। जिले में रबी फसल की बुआई का काम पूरा हुए करीब एक माह हो चुका है। ऐसे में अब किसान फसलों की सिंचाई करने में लगे हैं। इस कारण जिले में यूरिया की मांग बढ़ गई है।
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किसान यूरिया की खरीदारी को लेकर दुकानों और सरकारी खाद केंद्रों पर चक्कर लगा रहे हैं। मगर खाद केंद्रों पर अब खाद का स्टॉक खत्म हो चुका है। इस सप्ताह में यूरिया खाद पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं है। सहकारी केंद्रों पर यूरिया नहीं होने के कारण किसानों को निजी दुकानों से खरीद करनी पड़ रही है। कुछ निजी दुकानदार यूरिया की कमी का फायदा उठा इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं। इस कारण किसानों को उचित मूल्य पर यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
दूसरी तरफ किसानों को प्रति बैग यूरिया के साथ दुकान से सामान खरीदना अनिवार्य कर दिया है। दुकानदार यूरिया केवल उन्हीं किसानों को बेच रहे हैं, जो पेस्टीसाइड का सामान भी उसी दुकान से खरीदें। यूरिया बैग की कीमत प्रति बैग 266.50 रुपये है। मगर खाद के साथ सामान खरीदने पर इसकी कीमत 350 से लेकर 400 रुपये तक पहुंच रही है। ऐसे में किसानों का अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है।
खाद के साथ अन्य सामान बेचने को लेकर फतेहाबाद के अनाज मंडी के दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यूरिया अधिक दाम पर मिलती है। इस वजह से वे किसानों को उचित मूल्य पर यूरिया बेचने में असमर्थ हैं। उनका कहना है कि यदि उन्हें उचित दाम पर यूरिया मिलेगी तो वे किसानों को भी उचित मूल्य पर ही बेचेंगे। किसान अपनी जरूरत के अनुसार दुकान से कोई भी सामान खरीद सकता है।
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जिले में अब तक हुआ यूरिया का वितरण
खाद – मांग – आपूर्ति
यूरिया – 67000 मीट्रिक टन -करीब 50000 मीट्रिक टन
डीएपी – 25000 मीट्रिक टन – करीब 22000 मीट्रिक टन
एनपीके – 1500 मीट्रिक टन – करीब 1467 मीट्रिक टन
:: कोई भी दुकानदार यूरिया को महंगे दाम पर नहीं बेच सकता है। यूरिया का मूल्य सहकारी केंद्र और दुकानदारों के लिए एक ही है। अनियमितता पाए जाने पर दुकानदारों का लाइसेंस भी निलंबित किया सकता है।
-डॉ. राजेश सिहाग, उपनिदेशक, कृषि एवं कल्याण विभाग, फतेहाबाद।