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चंडीगढ़. किसान आंदोलन का अब हरियाणा की खाप पंचायतों ने समर्थन किया है. 29 दिसंबर को हरियाणा की खाप पंचायतों ने इस मामले पर अब महापंचायत बुलाने का फैसला किया है. चंडीगढ़ में खाप नेताओं ने यह ऐलान किया है. ऐसे में अब शंभू और खनौरी बॉर्डर के पास हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गौरतलब है कि तीन बार किसान दिल्ली कूच की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर से आगे जाने नहीं दिया है.
चंडीगढ़ में खाप पंचायतों के फैसले को लेकर स्त्रोल खाप के चेयरमैन सतीश ने बताया कि 13 फरवरी को आंदोलन शुरू हुआ था. हरियाणा में भी 3 धरने चले थे और 102 खापें इकट्ठी हुई थी. हाल ही में 11 सदस्यों की कमेटी बनी थी और कमेटी डलेवाल से मिली थी. हमने उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था.
हरियाणा सरकार की निंदा करते हुए खाप नेता ने कहा कि पहले तो ट्रैक्टर ना ले जाने की बात कहते थे, लेकिन अब निहत्थे लोगों पर आंसू गैस छोड़ी जा रही है. हमने पहले भी समर्थन में दिया था लेकिन चुनाव के चलते स्थगित कर दिए थे. लेकिन अब 29 दिसंबर को हिसार के बास मंडी में महापंचायत होगी. उन्होंने बताया कि महापंचायत में हम सभी किसान संगठनों को बुलाएंगे. धरने में केवल पंजाब के किसानों के होने की बात पर वह कहता हैं कि हरियाणा में गुमराह किया जा रहा है कि सभी फसलों पर एमएसपी दे रहे है, जो कि सच नहीं है.
किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल का खनौरी बॉर्डर पर अनशन जारी है. यहां पर लगातार उनकी सेहत पर असर पड़ रहा है. डॉक्टर लगातार उनका चेकअप कर रहे हैं. लेकिन वह अनशन तोड़ने से इंकार कर रहे हैं. उनका करीब 20वें दिन में प्रवेश कर गया है.
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