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17जेएनडी29- किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता। संवाद
नरवाना। संयुक्त किसान मोर्चा का लघु सचिवालय परिसर में चल रहा धरना 972वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसानों ने एक सुर में स्मार्ट मीटर योजना का विरोध किया।
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इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष मा. बलबीर सिंह ने बताया कि देश भर और दिल्ली की सीमाओं पर चलेे किसान आंदोलन की मांगों में एक प्रमुख मुद्दा केंद्र सरकार के लाए गए बिजली संशोधन कानून को वापस लेने का था। आंदोलन 13 महीने चला और केंद्र सरकार को किसानों को लिखित आश्वासन देना पड़ा। उसमें केंद्र सरकार ने स्पष्ट लिखा कि बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर सबसे पहले स्टेक होल्डर्स संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी।
मोर्चा से चर्चा होने के बाद ही बिल को संसद में पेश किया जाएगा लेकिन केंद्र सरकार अपने इस वायदे से मुकर गई और उसने इस कानून को बिना चर्चा के साल 2022 में संसद में पेश कर दिया जो कि अभी पास नहीं हुआ। सरकार ने इसके प्रावधानों को लागू करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि इसका एक उदाहरण स्मार्ट/प्रीपेड मीटर योजना है। हरियाणा के बिजली मंत्री कह रहे हैं इसे प्रदेश में जल्द लागू किया जाएगा, इसकी शुरुआत सरकारी कर्मचारियों से होगी। बिजली संशोधन कानून और प्रीपेड मीटर योजना बड़े कॉरपोरेट घरानों के फायदे के लिए लागू की गई स्कीम है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं का मीटर जब बदला जाता है जब उसमें कोई खराबी आई हो लेकिन अब कॉरपोरेट के फायदे के लिए लाखों उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे, जिसका बोझ भी उपभोक्ताओं पर ही डलेगा, इसलिए किसान सभा इसका विरोध करते इसे वापस लेने की मांग करती है। इस दौरान साधुराम कर्मगढ़, अलबेल फरैण खुर्द, दलबीर सच्चा खेड़ा, बलजीत, रतनसिंह चोपड़ा मौजूद रहे।