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इंफोसिस सुप्रीमो नारायण मूर्ति (Infosys Supremo Narayana Murthy) ने बार-बार हफ्ते में 70 घंटे काम करने पर जोर देकर आउटपुट बनाम मानवता की बहस को छेड़ दिया है. इसके पीछे नारायणमूर्ति के देश को आगे ले जाने के तर्क अपनी जगह हैं. परंतु फिजिक्स, केमेस्ट्री, बॉयोलॉजी और साइकोलॉजी के जिन नियमों से मनुष्य की क्षमता संचालित होती है, उसका तकाजा तो यही है कि आदमी हर हफ्ते 70 घंटे काम कर के बेहतर आउटपुट नहीं दे सकता है. तथ्यों की गहराई में जाकर और अधिक पड़ताल करने पर पता चलता है कि दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है, जहां कानूनी तरीके से हफ्ते में 70 घंटे या उससे ज्यादा काम कराए जाते हैं.
केवल उत्तर कोरिया पर ही हफ्ते में 105 घंटे तक काम कराने के आरोप लगते रहे हैं. ध्यान रहे कि उत्तर कोरिया एक तानाशाह द्वारा संचालित देश है, वहां के लेबर कैंपों में राजनीतिक या क्रूर अपराध में बंदी बनाए गए लोगों से कठोर श्रम कराए जाते हैं. हालांकि, उत्तर कोरिया की सरकार ने इन आरोपों से हमेशा इनकार किया है. उत्तर कोरिया आईएलओ यानी इंटरनेशनल ऑर्गेनाजेशन की संधि को मानता है. इसके मुताबिक दुनिया में कहीं भी हफ्ते में छह दिन और हर दिन आठ घंटे यानी हफ्ते में 48 घंटे से अधिक काम नहीं कराए जाने चाहिए.
नॉर्थ कोरिया में भी कानूनी तौर पर काम के अधिकतम 48 घंटे ही हफ्ते भर के लिए तय हैं. परंतु समय-समय पर रिपोर्ट आती रहती है कि वहां की कंपनियों में ओवरटाइम के नाम पर कर्मचारियों से इससे अधिक घंटे काम कराए जाते हैं. इसकी सफाई में यह कहा जाता है कि कर्मचारी अतिरिक्त आमदनी के लिए एक्स्ट्रा टाइम देकर काम करते हैं.
यूएई में हफ्ते में 53 घंटे काम का है कानून
यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात, जिसकी सिटी दुबई दुनिया भर में विलासिता के केंद्र के रूप मे मशहूर है, उसी देश की यह दर्दनाक तस्वीर है. जी हां, वहां हफ्ते में 52.6 घंटे काम कठोरता से लेने का कानून है. इस रैकिंग में दूसरे नंबर पर गैंबिया है, जहां हफ्ते में 50.8 घंटे काम लेने का कानून है. तीसरे नंबर पर भूटान में 50.7 घंटे और चौथे नंबर पर लिसोथो में 49.8 घंटे काम लिए जाते हैं. इसके बाद कांगो और कतर जैसे देशों का नंबर आता है. भारत इस सूची में सातवें नंबर पर है. यहां हफ्ते में छह दिन और कुल 47.7 घंटे काम करने का प्रावधान है.
विकसित देशों में कितने घंटे करते हैं काम
हफ्ते में सबसे अधिक घंटे काम कराने वाले देशों में से कोई भी विकसित देश नहीं है. इसलिए विकसित देशों के हर हफ्ते लेबर-ऑवर पर एक नजर डालते हैं. दुनिया के सबसे विकसित देश संयुक्त राज्य अमेरिका में लोग हफ्ते में केवल 36.4 घंटे काम करते हैं. यानी नारायणमूर्ति जी की अपील का ठीक आधा समय वर्कफोर्स के रूप में देते हैं. हालांकि, इंडस्ट्री वाइज और सिटी वाइज यह कहीं-कहीं ज्यादा भी है. वहां माइनिंग में सबसे अधिक 45.5 घंटा समय देते हैं. जर्मनी में हफ्ते में 34.3 घंटे काम का नियम है. यूनाइटेड किंग्डम में यह 35.9 घंटा और यूरोपीय यूनियन के देशों में 36 घंटा प्रति सप्ताह है.
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इस देश में कर्मचारियों से कराते हैं सबसे ज्यादा काम, लिस्ट में भारत इस नंबर पर आता है