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सिगरेट से लेकर साबुन जैसी डेली यूज प्रोडक्ट्स बनाने वाली FMCG कंपनी ITC लिमिटेड से उसके होटल बिजनेस का डिमर्जर फाइनल हो गया है। यह 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो जाएगा। कंपनी ने आज यानी मंगलवार (17 दिसंबर) को एक्सचेंज फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की कोलकाता बेंच ने अक्टूबर 2024 में ITC लिमिटेड, ITC होटल्स लिमिटेड और उनके शेयरधारकों के बीच इस डील को मंजूरी दे दी थी। इसी साल जून में ITC लिमिटेड के शेयरहोल्डर्स ने डीमर्जर के फैसले पर वोटिंग की थी। तब 99.6% शेयरहोल्डर्स ने डीमर्जर के पक्ष में मतदान किया, जबकि महज 0.4% ने इसके खिलाफ मतदान किया।
ITC ने NCLT के आदेश की जानकारी आज (मंगलवार, 17 अक्टूबर) दी है।
डीमर्जर के बाद होटल में ITC 40% हिस्सेदारी रखेगी
डीमर्जर के बाद होटल बिजनेस में ITC 40% हिस्सेदारी रखेगी। बाकी 60% हिस्सेदारी शेयरहोल्डर्स के पास होगी। ITC ने पिछले साल जुलाई में डीमर्जर योजना की घोषणा की थी और बाद में कहा था कि नई यूनिट को 15 महीनों में लिस्टेड किया जाएगा।
अलग यूनिट के रूप में मार्केट में कम्पीट करेगी ITC होटल्स
ITC होटल्स एक इंडिपेंडेंट यूनिट के रूप में टाटा के स्वामित्व वाली इंडियन होटल्स कंपनी और EIH एसोसिएटेड होटल्स जैसे कॉम्पिटिटर्स के साथ कम्पीट करेगी। इंडियन होटल्स ताज होटल्स को ऑपरेट करती है। वहीं EIH ओबेरॉय ब्रांड के होटलों का मैनेजमेंट करती है।
1910 में स्थापित हुई थी ITC
ITC FMCG, पेपर, पैकेजिंग, एग्री-बिजनेस, होटल और IT में प्रेजेंस के साथ एक लीडिंग मल्टी-बिजनेस इंडियन एंटरप्राइज है। संजीव पुरी ITC के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
इस कंपनी को 1910 में स्थापित किया गया था, तब इस कंपनी का नाम इंपीरियल टोबैको कंपनी था। फिर 1970 में इसका नाम बदलकर इंडिया टोबैको कंपनी कर दिया। इसके बाद 1974 में इसका नाम ITC लिमिटेड हो गया था।
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ITC लिमिटेड से अलग हो जाएगा ITC होटल्स लिमिटेड: 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा डीमर्जर, जून में 99.6% शेयरहोल्डर्स ने पक्ष में वोट किया