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पार्षद – फोटो : संवाद
विस्तार
थानेसर ब्लॉक समिति चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा अभी भी बरकरार है। नाराज पार्षद दूसरी बार भी मतदान नही कर पाए। मतदान कराने की पूरी तैयारी के बाद एडीसी बीमार हो जाने का संदेश मिला तो उन्हें खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय से बैरंग लौटना पड़ा। वहीं गुस्साए पार्षदों ने ऐलान किया कि एक सप्ताह तक प्रशासन कोई कदम नहीं उठा पाया तो वे जिला उपायुक्त को ब्लॉक समिति सदस्यता से इस्तीफे सौंप देंगे।
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विकास कार्यों के लिए ग्रांट में भेदभाव के आरोपों के बीच विरोध में उतरे पार्षदों का प्रशासन द्वारा चेयरमैन को लेकर चुनाव करवाना था। बेल्ट पेपर से चुनाव कराने के लिए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में तैयारी भी पूरी कर ली गई थी तो विरोधी सभी पार्षद भी सुबह नौ बजे ही पहुंच गए थे। करीब एक घंटे बाद उन्हें बीडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि एडीसी बीमार होने के चलते छुट्टी पर चले गए हैं, जिसके चलते चुनाव नहीं करवाया जा सकता। इसके बाद पार्षदों में गहरा रोष दिखा तो उन्होंने चेयरमैन का बचाव करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि एक सप्ताह तक कोई कदम नहीं उठाया गया तो वे जिला उपायुक्त को अपने इस्तीफे सौंप देंगे।
दूसरी बाद लौटना पड़ा बैरंग, दिखा गुस्सा
पार्षदों को दूसरी बार बिना कार्रवाई हुए बैरंग लौटना पड़ा। इससे पहले 25 नवंबर को मतदान कराने के लिए उन्हें पंचायत भवन में बुलाया गया था, लेकिन एन मौके पर मतदान 17 दिसंबर के लिए टाल दिया गया था। पार्षद विक्की, रेनू आदि का कहना है कि उस दिन भी एडीसी के बीमार होने के कारण छुट्टी पर चले जाने का हवाला दिया गया था तो आज भी यही कारण बताया गया। पार्षदों ने आरोप लगाए कि प्रशासन जानबूझ कर चेयरमैन को बचाना चाहता है जबकि 24 में से 22 पार्षद विरोध में उतरे हुए हैँ। उन्होंने बताया कि 22 अक्तूबर को ही उन्होंने शपथ पत्र प्रशासन को दे दिए थे, जिसमें चेयरमैन बदले जाने की मांग की गई थी। इस पर जिला उपायुक्त की ओर से एडीसी को मामला निपटाने की जिम्मेदारी सौँपी गई थी। उधर चेयरमैन रजनी शर्मा के प्रतिनिधि राम मेहर शास्त्री का कहना है कि लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। विकास कार्यों को लेकर ग्रांट वितरण में कोई भेदभाव नहीं किया गया।
एक सप्ताह बाद दे देंगे इस्तीफे
पार्षदों ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि बार-बार उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। 25 नवंबर को जब चुनाव टाल दिया गया था तो प्रशासन ने आगे के लिए भी कोई तिथि तय नहीं की थी और उन्हें मजबूरन बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देना पड़ा था। इसके उपरांत ही 17 दिसंबर को मतदान कराने का निर्णय प्रशासन ने लिया था। अब फिर यह कार्यक्रम टाल दिया गया, जिसके पीछे चेयरमैन का बचाव करना ही है। पार्षदों का कहना है कि चेयरमैन की मनमानी के चलते गांवों में कोई विकास कार्य नहीं हो पा रहा है जबकि उन्हें जनता के सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
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Haryana: थानेसर ब्लॉक समिति चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा बरकरार, नहीं हो पाई वोटिंग; पार्षदों ने दिया अल्टीमेटम