[ad_1]
रेवाड़ी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की देखरेख में शनिवार को शहर स्थित न्यायिक परिसर, बावल व कोसली में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें हादसे में मौत के बाद दावा करने वाली धारुहेड़ा की एक महिला को न्याय मिला और उसे 29.30 लाख की राशि दिलाई गई।
धारूहेड़ा निवासी रेनू के पति रंजीत यादव की सड़क हादसे में दिसंबर 2021 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 1 फरवरी 2022 को क्लेम डाला गया था। रेनू के दो बच्चे हैं। वह क्लेम के लिए लगातार कोशिश कर रही थी लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा था। रेनू के परिवार को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में रेनू की समस्या का समाधान हो गया। उसे राष्ट्रीय लोक अदालत में 29 लाख 30 हजार रुपये का क्लेम दिलवाया गया। रेनू के परिवार ने भी खुशी जाहिर की है, क्योंकि लंबे समय तक क्लेम के लिए परेशान होने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हो पा रहा था। अब एकदम से ही मामला रफा-दफा हो गया है।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत मोटर व्हीकल के चालान भुगतने वालों ने भी अपनी अच्छी खासी दिलचस्पी दिखाई। इस लोक अदालत की खासियत यह रही कि अदालत ने कई मामलों में चालान की जुर्माना राशि 5000 थी, उसे कम करके आधा कर दिया था। इतना ही नहीं किसी भी अपराध के तहत चालान की जुर्माना राशि अधिकार मुक्त की गई। चालान भुगतने के लिए काफी लोगों की लंबी कतार लगी रही। दूसरी ओर कुछ अधिवक्ताओं ने कहा कि चालान की राशि और कम की जानी चाहिए थी।
राष्ट्रीय लोक अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप चौधरी, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष शर्मा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जोगिंद्री, निशा जेएमआईसी कोसली, आलोक आनंद सिविल जज सीनियर डिवीजन बावल, सिविल जज आकाश सरोहा, सिविल जज बेनिका की लोक अदालतों में मामलों का मौके पर ही आपसी सहमति से निपटारा किया गया।
13075 मुकदमों का हुआ निपटारा, 8.61 करोड़ की राशि का हुआ भुगतान
राष्ट्रीय लोक अदालत में 40 मोटर दुर्घटना मुआवजा के मामलों का निपटारा करते हुए 3,22,12,559 रुपये मोटर दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों व घायलों को वितरित किए गए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 दिसंबर को भी किया गया था, जिनमें 561 मामलों का निपटारा करते हुए रुपए 38,38,217 की राशि को स्वीकृत किया गया था। इसी तरह 133 चेक बाउंस, 55 दीवानी मामले व 317 बिजली के मामले व अन्य मामलों का भी निपटारा किया गया। इस लोक अदालत के दौरान जिला में 13075 मुकदमों का निपटारा किया गया तथा कुल 8 करोड़ 61 लाख 46 हजार 400 रुपये की राशि का भुगतान हुआ। राष्ट्रीय लोक अदालत में जजों ने वादकारियों से बातचीत की, उनके मुकदमों तथा पेश आने वाली कठिनाइयों के बारे में जाना। सभी को ज्यादा से ज्यादा समय देकर उनके केसों के निपटारे के लिए भरसक प्रयास किया।
लोक अदालत में समाधान के बाद नहीं की जा सकती अपील
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित वर्मा ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से वादों का निपटारा जल्द कराया जा सकता है तथा लोक अदालत के माध्यम से सुलझाए गए मामलों में आगे कोई अपील व पुनरीक्षण दायर नहीं की जा सकती, जिससे समय व धन दोनों की ही बचत होती है। लोक अदालत के निर्णय से किसी भी पक्ष की हार जीत नहीं होती बल्कि दोनों पक्षों के साथ उचित न्याय होता है। लोक अदालत का निर्णय दोनों पक्षों पर बाध्यकारी व अंतिम होता है। लोक अदालत में सुलह द्वारा प्राप्त निर्णय से आपसी द्वेष भावना मिटती है। इसके अलावा वर्मा ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर 01274-220 062 चलाया हुआ है जिस पर आम जन किसी भी प्रकार के कानूनी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
[ad_2]
Rewari News: पति की मौत के बाद दावा करने वाली महिला को मिली 29.30 लाख की राशि