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बिग बॉस 17 फेम और स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने एक इंटरव्यू में अपनी इमोशनल स्टोरी शेयर की है। जब उनका बेटा मिखाइल सिर्फ डेढ़ साल का था तो उन्हें पता चला कि बेटे को कावासाकी नाम की रेयर डिजीज है। इसके कारण तेज बुखार और ब्लड वेसल्स में इंफ्लेमेशन हो जाता है, जो हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके इलाज में कुछ इंजेक्शन लगाए जाते हैं। हर इंजेक्शन की कीमत 25 हजार रुपये थी, लेकिन उस समय मुनव्वर के पास सिर्फ 700 रुपये थे। उन्होंने हताश होकर लोगों से मदद मांगी और किसी तरह बेटे का इलाज करवाया। वे कहते हैं कि इस वाकये ने उन्हें पहले से काफी विनम्र बना दिया है।
कावासाकी से आमतौर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे प्रभावित होते हैं। इस डिजीज में समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर जान जाने का जोखिम हो सकता है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में रेयर डिजीज कावासाकी की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- यह बीमारी कैसे और क्यों होती है?
- इसके लक्षण कैसे पहचान सकते हैं?
- इसके इलाज और बचाव के उपाय क्या हैं?
कावासाकी क्या है?
कावासाकी डिजीज या कावासाकी सिंड्रोम एक रेयर वैस्कुलाइटिस (Vasculitis) है। वैस्कुलाइटिस में ब्लड वेसल्स में इंफ्लेमेशन हो जाता है। लंबे समय तक ऐसी ही कंडीशन बनी रहने से ब्लड वेसल्स कमजोर हो जाती हैं और उनमें खिंचाव आ जाता है। इससे इनके फटने या सिकुड़ने का जोखिम बढ़ जाता है।
ब्लड वेसल्स कमजोर होने से टिश्यूज और ऑर्गन्स को सही मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता है। इससे शरीर कमजोर होने लगता है।
कावासाकी डिजीज के लक्षण क्या हैं?
कावासाकी डिजीज की सबसे बड़ी पहचान ये है कि इनमें बच्चे को लगातार बुखार बना रहता है। आमतौर पर इसमें 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा तेज बुखार होता है। इस दौरान हार्ट संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा भी अगर ग्राफिक में दिए लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें:
2 हफ्ते तक इलाज नहीं कराने से हो सकता है आर्थराइटिस
अगर दो हफ्ते तक कावासाकी डिजीज का सही इलाज नहीं किया जाए तो बच्चे के हाथों और पैरों की स्किन छिलने लगती है। यह पतली चादर की तरह उधड़ने लगती है। कुछ बच्चों में टेंपरेरी आर्थराइटिस या जॉइंट्स पेन विकसित हो सकता है।
कुछ अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं, ग्राफिक में देखिए:
कावासाकी डिजीज का इलाज क्या है?
इस बीमारी का पता चलने पर सबसे पहले बच्चों के हार्ट में हो रहे डैमेज को रोका जाता है और तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाता है। इलाज जितनी जल्दी शुरू होता है, बुखार कम करके बच्चे की इम्यून पॉवर बचाई जा सकती है।
बुखार जितने लंबे समय तक बना रहता है, बच्चे की इम्यून पॉवर कम होती जाती है। इसलिए पहली बार बुखार होने के 10 दिन के भीतर बच्चे को ड्रिप के जरिए एंटीबॉडीज दी जाती हैं। बुखार खत्म होने के बाद कोरोनरी आर्टरीज में क्लॉटिंग रोकने के लिए एस्पिरिन के हल्के डोज दिए जाते हैं। एस्पिरिन की ये खुराक 6 से 8 हफ्ते तक लेनी पड़ सकती हैं।
कोरोनरी आर्टरीज में हुए डैमेज की रिकवरी में भी 6 से 8 हफ्ते का समय लग जाता है।
कावासाकी डिजीज से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल: भारत में हर साल कावासाकी डिजीज के कितने मामले देखने को मिलते हैं?
जवाब: यह एक रेयर और गंभीर इंफ्लेमेटरी डिजीज है, जो बच्चों को प्रभावित करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में हर साल प्रति 100,000 बच्चों में 10-20 बच्चे इससे प्रभावित होते हैं। बीते कुछ सालों में भारत में लगातार कावासाकी डिजीज के मामले बढ़ रहे हैं। अब लगभग देश के हर राज्य से मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि डॉक्टर पारस कहते हैं कि अब लोग ज्यादा जागरुक हैं और डॉक्टर भी ज्यादा अवेयर हैं। इसलिए मामले ज्यादा दर्ज हो रहे हैं।
सवाल: किसे कावासाकी डिजीज होने का खतरा ज्यादा है?
जवाब: आमतौर पर कावासाकी डिजीज छोटे बच्चों को होती है। कावासाकी डिजीज फाउंडेशन के मुताबिक, इसके लगभग 75% मामले 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में सामने आते हैं। इसके ज्यादातर मामले एशिया महाद्वीप में सामने आते हैं। इसका मतलब है कि एशियाई देशों में छोटे बच्चों को इसका ज्यादा खतरा है। इसके मामले मेल चाइल्ड में ज्यादा देखने को मिलते हैं।
सवाल: क्या कावासाकी आनुवंशिक बीमारी है?
जवाब: कावासाकी डिजीज फाउंडेशन के मुताबिक, यह आनुवंशिक बीमारी नहीं है। हालांकि, अगर किसी को यह बीमारी हुई है तो उसके सगे भाई-बहन को इसका जोखिम अन्य लोगों की तुलना में 10 गुना ज्यादा होता है।
सवाल: कावासाकी डिजीज में क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
जवाब: इसके कारण कोरोनरी आर्टरीज में इंफ्लेमेशन हो जाता है, जिससे एन्यूरिज्म (आर्टरीज में कमजोरी और खिंचाव) का खतरा बढ़ जाता है। अगर मामला ज्यादा गंभीर हो गया है तो इसके लिए कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा भी कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं:
- दिल में सूजन हो सकती है।
- कोरोनरी आर्टरीज में ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है और सिकुड़न हो सकती है।
- कोरोनरी आर्टरीज ब्रेक हो सकती हैं।
- हार्ट वॉल्व में समस्या हो सकती है। ये वॉल्व ही हार्ट में सही दिशा में ब्लड फ्लो में मदद करते हैं।
- हेपेटाइटिस और लिवर से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
- बच्चे के फेफड़ों में सूजन हो सकती है।
- बच्चे के हार्ट में संक्रमण हो सकता है।
- बच्चे के पैंक्रियाज में इंफ्लेमेशन हो सकता है।
- हार्ट फंक्शनिंग खराब होने के कारण हार्ट फेल्योर हो सकता है।
- हार्ट अटैक हो सकता है।
सवाल: क्या कावासाकी डिजीज पूरी तरह ठीक हो जाती है?
जवाब: बच्चों में कावासाकी डिजीज के लक्षण 4 से 6 हफ्ते तक रह सकते हैं। वे करीब 8 हफ्ते तक बहुत थके हुए और चिड़चिड़े हो सकते हैं। इसके लगभग 2% से 3% मामलों में देखा गया है कि यह समस्या बच्चों को दोबारा हो जाती है।
सवाल: क्या कावासाकी गंभीर बीमारी है?
जवाब: हां, कावासाकी एक गंभीर बीमारी है। हालांकि, सही समय पर सटीक इलाज मिलने पर ज्यादातर बच्चों की रिकवरी हो जाती है।
सवाल: बच्चे को कब कावासाकी के इलाज के लिए दिखाना जरूरी है?
जवाब: अगर बच्चे को 3 दिन से ज्यादा समय तक बुखार है तो डॉक्टर से कंसल्ट करें और उनसे कावासाकी की जांच के लिए भी बात करें। डॉ. पारस कहते हैं कि यह याद रखना जरूरी है कि बुखार शुरू होने के 10 दिन के भीतर इलाज जरूरी है। इससे कोरोनरी आर्टरीज में डैमेज की संभावना कम हो सकती है।
सवाल: क्या कावासाकी डिजीज से बचाव संभव है?
जवाब: नहीं, इससे बचाव का कोई तरीका अभी तक नहीं खोजा जा सका है। असल में कावासाकी डिजीज का सही कारण नहीं पता चल पाया है, इसलिए इससे बचाव का तरीका भी नहीं पता चल पाया है। हालांकि, सही समय पर इसके लक्षण पहचानकर इलाज शुरू करने से रिकवरी हो जाती है। …………………. सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- तुलसी की पत्तियां हैं महाऔषधि: न्यूट्रिशनिस्ट से जानिए तुलसी के 12 बड़े हेल्थ बेनिफिट्स
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