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कनाडा के इमिग्रेशन रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप (IRCC) डिपार्टमेंट ने विदेशी छात्रों को ईमेल भेजकर कई तरह की एजुकेशनल डिटेल्स मांगी है। फाइल फोटो
कनाडा में रह रहे विदेशी छात्रों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कनाडा सरकार ने वहां पढ़ रहे विदेशी छात्रों को ईमेल भेजकर कई तरह के डॉक्यूमेंट सबमिट करने को कहा है। इनमें वीजा, स्टडी परमिट, एजुकेशनल रिकॉर्ड, मार्क्स और अटेंडेंस शामिल है। भारतीय छात्रों ने इसके बारे में जानकारी दी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कनाडा के इमिग्रेशन रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप (IRCC) डिपार्टमेंट ने विदेशी छात्रों को ईमेल भेजा है। इनमें से कई छात्र ऐसे हैं जिनका वीजा दो साल तक के लिए ही वैध है। कनाडा सरकार विदेशी स्टूडेंट्स के लिए नियम कड़े करते जा रही है। ऐसे में छात्रों के बीच बेचैनी का माहौल है।
अटेंडेंस और पार्ट टाइम काम की डिटेल मांगी
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में पढ़ रहे एक भारतीय स्टूडेंट ने कहा कि मैं IRCC की ओर से भेजे गए ईमेल पढ़कर हैरान हो गया। मेरा वीजा मई 2026 तक है। ऐसे में मुझे फिर से सारे डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए कहा गया है। छात्र ने कहा कि उन्होंने मुझसे अटेंडेंस की डिटेल और पार्ट-टाइम काम के बारे में भी जानकारी देने को कहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कनाडा में हाल ही में 3 भारतीय छात्रों की हत्या का मुद्दा उठाया था।
कनाडा इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या में कमी करना चाहता है इमिग्रेशन कंसल्टेंट महबूब रजवानी का कहना है कि यह फैसला इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की तादाद में कमी करने के लिए कनाडा की रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा कई छात्र स्टूडेंट्स वीजा पर कनाडा आते हैं और यहां नौकरी करने लगते हैं, कनाडा सरकार इन लोगों की भी पहचान करना चाहती है।
कनाडा में 4.2 लाख भारतीय छात्र पढ़ते हैं पिछले हफ्ते कनाडा में रहने वाले पंजाब के कई स्टूडेंट्स ने ऐसी ही ईमेल मिलने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि ईमेल के जरिए IRCC ऑफिस आकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए कहा गया था। अचानक से इस तरह के ईमेल आने से स्टूडेंट्स में चिंता का माहौल है।
हाल के कुछ सालों में कनाडा में विदेशी छात्रों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। विदेशी मंत्रालय के अनुसार, कनाडा में 4.2 लाख भारतीय स्टूडेंट्स रहते हैं। इसके बाद अमेरिका में 3.3 लाख भारतीय छात्र रहते हैं।
विदेशी छात्रों को लेकर कनाडा में तनाव क्यों ? पिछले एक हफ्ते में कनाडा में अलग- अलग मामलों में तीन भारतीय छात्रों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इंडियन हाई कमीशन ने कनाडाई अधिकारियों के सामने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे लेकर कहा- कनाडा में हेट क्राइम और हिंसक वारदातों की बढ़ती घटनाओं की वजह से हमने अपने नागरिकों और भारतीय छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
भारत-कनाडा के संबंध में कब से तनाव ? पिछले साल सितंबर में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों की मिलीभगत का आरोप लगाया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते लगातार बिगड़ते चले गए। ट्रूडो के बयान के बाद ओटावा से भारत ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया था।
निज्जर की हत्या मामले में उस समय कनाडा सरकार ने भारत के पांच अधिकारियों से पूछताछ की मांग की थी। इस घटना के बाद दोनों देशों ने कई राजनयिकों को हटा दिया था। ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी और भारत विरोधी गुट को पनाह देने का आरोप लगता रहा है।
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