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Rewari News: रोडवेज बस नहीं, निजी वाहनों पर लटक कर यात्रा करने की मजबूरी Latest Haryana News

Rewari News: रोडवेज बस नहीं, निजी वाहनों पर लटक कर यात्रा करने की मजबूरी  Latest Haryana News

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कोसली में वाहन के पीछे लटक कर सफर कर रहे लोग। संवाद

संवाद न्यूज एजेंसी

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कोसली। ग्रामीण क्षेत्रों से होकर रोडवेज की बसें नहीं चलने के कारण उपमंडल के अधिकतर गांवों के लोग निजी वाहनों पर सवार होकर यात्रा करने को मजबूर हैं। निजी वाहनों की भी कमी के कारण लोग जान जोखिम में डालकर वाहन पर लटक कर यात्रा करते हैं।

कोसली से कनीना, नारनौल, महेंद्रगढ़ के रास्ते में पड़ने वाले गांव कोटिया, गुजरवास नाहड़ होते हुए जाने वाले इस मार्ग पर लंबे समय से रोडवेज बसें नहीं चलाई जा रही हैं। ग्रामीणों की लगातार शिकायत पर कभी कभी कोसली व कनीना तक रोडवेज की बसें चलाई जाती है जिन्हें बाद में बंद कर दिया जाता है। रोडवेज की बसें नहीं चलने से कोसली क्षेत्र के गांव झाल, नाहड़ जुड्डी, मुमताजपुर, भड़ंगीं, बिसोवा, लूखी, कारौली, गुर्जरवास के लोगों के साथ विद्यार्थी भी परेशान होते हैं। सबसे अधिक परेशानी छात्राओं को होती है। उच्च शिक्षा के लिए शहर में जाने वाली छात्राओं के लिए कोई यातायात का साधन नहीं है। उपरोक्त गांवों के लोगों ने नेताओं और अधिकारियों से रोडवेज की बसें चलाने की मांग की लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

निजी वाहनों में छात्राओं के साथ अक्सर छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं। छात्राएं डर के कारण परिजनों को इसके बारे में जानकारी नहीं देतीं। रोडवेज बसें नहीं चलने से करीब 200 छात्राओं की पढ़ाई पर भी संकट आ गया है। इस रूट के गांव के लोगों और विद्यार्थियों ने कई बार प्रदर्शन भी किया। अधिकारियों ने आश्वासन देकर लोगों को शांत तो कराया लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ। वर्ष 2019 में लूखी, करौली की बेटियों ने दिसंबर में इस मार्ग पर जाम लगाया था। करीब 5 घंटे तक लगे जाम के बाद अधिकारियों ने समस्या के समाधान का आश्वासन देकर जाम तो खुलवा दिया लेकिन बस नहीं चली।

कई वर्ष से बनी हुई है समस्या

वर्ष 2018 में कनीना से कोसली तक बस चलवाई थी, जो कुछ समय के बाद बंद हो गई। अब वर्तमान विधायक से इन मार्गों पर परिवहन विभाग की बसें चलाने की मांग की है करीब आठ साल पहले तक यहां सब कुछ ठीक था। इस मार्ग पर रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी और नारनौल डिपो की बस चलती थी। धीरे-धीरे बसें बंद होती चली गई। बंद होने का कारण यात्री भार का कम होना बताया गया। इस सब का सर्वाधिक प्रभाव बेटियों की पढ़ाई और आम लोगों पर पड़ रहा है। हालांकि, अब 8 सालों में जनसंख्या काफी बढ़ चुकी है।

वर्जन

ग्रामीण क्षेत्र के मार्गों पर बसें चलाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोसली में ओवरब्रिज को तोड़ने के कारण इन मार्गों पर बसें चलाने में समस्या आ रही है। कॉलेज के समय पर सुबह-शाम को छात्राओं को बस सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।-देवदत्त, जीएम रेवाड़ी।

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