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VIDEO : अमर उजाला संवाद में बोले लोग- लघु उद्यमियों को सहूलियत दें सरकार, प्रशासन से नहीं मिलता सहयोग Latest Haryana News

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मर उजाला संवाद – लघु उद्यमियों को सहूलियत दें सरकार, प्रशासन से नहीं मिलता सहयोग
अमर उजाला संवाद में कादीपुर, दौलताबाद और बसई के लघु उद्यमियों ने सरकार और प्रशासन के सहयोग की जरूरत बताई

संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम । गुरुग्राम का प्रशासन का छोटे उद्यमियों को लेकर बहुत सहयोगात्मक रवैया नहीं है। अमर उजाला का उद्योग जगत के साथ बृहस्पतिवार को सेक्टर चार स्थित वैश्य धर्मशाल हॉल में आयोजित संवाद में उद्यमियों ने सरकार और प्रशासन से माइक्रो और स्मॉल इंडस्टि्रज को सहयोग और सुविधाएं देने की अपील की। उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमी बंजारों की तरह है। अगर हरियाणा सरकार उन्हें तरजीह नहीं देगी तो वे राजस्थान का रूख करेंगे, कइयों ने ऐसा किया भी है।
दौलताबाद, बसई, कादीपुर में छोटे उद्योगों के कलस्टर हैं मगर इनमें बहुत सारे हिस्से औद्योगिक क्षेत्र के रूप में एप्रूव्ड नहीं है। सरकार के औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा देने में भी दिलचस्पी नहीं है। जबकि मारुति और अन्य उद्योगों के छोटे-छोटे पार्टस बनाने से लेकर ऐसे कई चीजें बसई, दौलताबाद, कादीपुर के औद्योगिक इलाके में तैयार होती है, जो बड़े उद्योगों के लिए जरूरी है। इन इलाकों में कही 300 से कहीं 400 औद्योगिक इकाईयों हैं। छोटी इकाईयों वाले हिस्से कई जगह एप्रूव्ड भी नहीं है। जहां एप्रूव्ड नहीं है, वहां सीवेज, सड़क, पानी का अभाव है मगर जो इलाके नगर निगम के दायरे में हैं, वहां भी छोटे उद्यमियों को सहूलियत नहीं मिल रही है। उद्यमियों ने कहा कि
छोटे उद्योग एक तरह से मैनपावर के लिए ट्रेनिंग सेंटर हैं। छोटे उद्योग में काम करके श्रमिक सीखते हैं और आगे बड़े उद्योग में चले जाते हैं। कादीपुर और पटौदी रोड का औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम के अधीन हैं, यहां 400 से ज्यादा फैक्टि्रयां हैं। मगर उद्योगपति राजस्थान के भिवाड़ी की ओर जा रहे हैं। वहां बिजली सस्ती है। सरकार सुविधाएं दे रही है। हरियाणा में उद्योगों को चलाने के लिए कई तरह से प्रशासनिक दिक्कतों से जूझना पड़ता है।
दौलताबाद 1966 के अप्रूव्ड औद्योगिक इलाका था। यहां करीब 313 औद्योगिक इकाईयां हैं। मगर सरकारी गलतफहमी के कारण यह रिहाइशी इलाके में दर्ज हो गया है। अब नक्शे पास नहीं हो रहे हैं। सड़क, सीवेज, पानी की दिक्कतें यहां के उद्यमियों को हो रही है। तमाम परेशानी के बाद वे लोन लेकर किराए की जमीन में अपना उद्योग तमाम किस्म के जोखिम लेकर स्थापित करते हैं मगर प्रशासन उनसे मालिको जैसा रवैया अपनाता है। सरकार के पास शिकायत के लिए सिंगल विंडो पोर्टल अपडेटेड नहीं है। यहां शिकायत के बाद भी फाइल हार्डकॉपी चंडीगढ़ भेजनी होती है। सरकारी लालफीताशाही के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ता है। कार्यक्रम को श्रीपाल शर्मा, हरीश गुप्ता, विनोद गुप्ता, राजेश अग्रवाल, कल्याण सिंह भड़ाना, सुंदर दास अग्रवाल, रामकिशन गुप्ता, रमेश सिंघल, आरए मित्तल और अरुण गुप्ता आदि ने संबोधित किया।

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