{“_id”:”675a802c9b582d3f9500eade”,”slug”:”buffalo-research-center-will-expand-semen-lab-5-lakh-doses-will-be-ready-hisar-news-c-21-hsr1012-522745-2024-12-12″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Hisar News: भैंस अनुसंधान केंद्र सीमन लैब का करेगा विस्तार, 5 लाख डोज होंगी तैयार”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान।
अमित भारद्वाज
Trending Videos
हिसार। सीआईआरबी (केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान) अपनी सीमन लैब का विस्तार करेगा। लैब के विस्तार के बाद संस्थान हर साल 5 लाख सीमन की डोज तैयार कर सकेगा। फिलहाल संस्थान डेढ़ लाख डोज तैयार कर रहा है। इसके तहत यहां झोटे रखने की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में संस्थान में 16 झोटे रखने की व्यवस्था है, जिसे बढ़ाकर 46 किया जाएगा।
बता दें कि सीआईआरबी में मुर्राह भैंसों की नस्ल में सुधार के लिए कार्य किया जाता है। देश का दूसरा क्लोन झोटा तैयार का रिकॉर्ड भी संस्थान के नाम है। आज संस्थान के झोटों के सीमन की काफी डिमांड है। उच्च गुणवत्ता वाले झोटों की संख्या कम होने के कारण संस्थान इस डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसी को देखते हुए संस्थान अपनी सीमन लैब का विस्तार कर रहा है।
सीपीडब्ल्यूडी तैयार करेगा शेड
मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अधीन आने वाले पशुपालन एवं डेयरी विभाग की तरफ से संस्थान को इस कार्य के लिए 12 करोड़ रुपये का बजट मिला है। सीआईआरबी केंद्रीय पीडब्ल्यूडी की मदद से शेड आदि का निर्माण करवाएगा। इसके अलावा बायो सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा, ताकि संस्थान के पशु किसी रोग से ग्रसित न हो सकें। संस्थान की मानें तो लैब विस्तार के कार्य में एक साल से ज्यादा का समय लगेगा।
ये चल रहे हैं शोध कार्य
संस्थान में वर्तमान में मुर्राह भैंसों की नस्ल सुधार के लिए कई शोध चल रहे हैं। इनमें सीमन की मदद से सेक्स का पूर्व निर्धारण करना शामिल है। संस्थान के वैज्ञानिकों की मानें तो इस शोध के पूरा होने के बाद ऐसी तकनीक उपलब्ध हो जाएगी, जिससे सिर्फ भैंस ही पैदा होंगी। इसके अलावा संस्थान में ई-इजेकुलेएशन (स्खलन) पर शोध चल रहा है। इस तकनीक की मदद से सीमन की ज्यादा डोज तैयार कर सकेंगे।
——————————
पशुपालकों को होगा फायदा
सीआईआरबी की लैब का विस्तार होने से पशुपालकों को काफी फायदा होगा। संस्थान की मदद से पशुपालक अपने पशुओं की नस्ल सुधार कर दूध उत्पादन बढ़ा सकेंगे और पशुपालन के लिए फायदे का सौदा बना सकेंगे।
वर्जन
संस्थान की सीमन लैब का विस्तार किया जा रहा है। इससे संस्थान व पशुपालक दोनों को फायदा होगा।
डॉ. टीके दत्ता, निदेशक, सीआईआरबी
[ad_2]
Hisar News: भैंस अनुसंधान केंद्र सीमन लैब का करेगा विस्तार, 5 लाख डोज होंगी तैयार