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पं. विजयशंकर मेहता
इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रौद्योगिकी में ‘बॉट’ शब्द लोकप्रिय है। यानी बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर । ये एक तरह का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट है। अब हम बात करें बच्चों के लालन-पालन की। बच्चों के लालन-पालन में बॉट जैसी व्यवस्था अपनानी चाहिए। इसमें बी का अर्थ है बुक्स। ओ को ऑपरेट यानी लालन-पालन से जोड़ सकते हैं और टी का अर्थ टाइम।
हम अपने बच्चों को पुस्तकें जरूर भेट करें। उस पुस्तक की सामग्री क्या है, बच्चे की मानसिकता क्या है? इस पर ध्यान दें। सिर्फ देने के लिए किताब मत दीजिए, सोच-समझकर दीजिए। हम अपनी नौकरी, अपने व्यवसाय में अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं।
ऐसे ही शपथ लीजिए कि लालन-पालन में अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। और समय मूल्यवान है, इसलिए लालन-पालन में अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण समय दीजिए। बच्चों के साथ बैठने, उनसे बात करने के लिए समय जरूर निकालिए। बॉट व्यवस्था के साथ बच्चों के जीवन के राजमार्ग पर चल पड़िए। क्योंकि हमारा भविष्य हमारी संतानें हैं।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: बच्चों के साथ बैठने, बात करने का समय निकालिए