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कुरुक्षेत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अपने कुरुक्षेत्र दौरे की शुरुआत हरियाणा के प्रसिद्ध देवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ में पूजा-अर्चना से की। अपनी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ उपराष्ट्रपति ने मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की परंपरा का अनुसरण करते हुए मां भद्रकाली को चांदी के घोड़े अर्पित किए।
महाभारत काल की परंपरा का निर्वहन
मंदिर के पीठाध्यक्ष पं. सतपाल शर्मा और गुरुमाता शिमला देवी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार महाभारत युद्ध से पूर्व पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ मां भद्रकाली की पूजा की थी, उसी परंपरा को उपराष्ट्रपति ने भी निभाया। पूजा के दौरान मंत्रोच्चारण के साथ मां के चरणों में कमल पुष्प, पान, दूध, दही, और विभिन्न सामग्री अर्पित की गई।
विशेष उपहार और पूजा
पीठाध्यक्ष ने उपराष्ट्रपति को मां भद्रकाली का सिद्ध अष्टधातु अष्टभुजा स्वरूप भेंट किया। उपराष्ट्रपति ने गर्भगृह में जाकर मां के चरणों में शीश नवाया और पंचमेवे व भव्य आरती के साथ पूजन संपन्न किया। डॉ. सुदेश धनखड़ ने मां की दिव्यता का अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह स्थान अत्यंत धार्मिक और शांति का अनुभव प्रदान करता है।
शक्तिपीठों के दर्शन की इच्छा जताई
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने मां भद्रकाली से भारत की समृद्धि, उन्नति, और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। उन्होंने यह भी बताया कि देश के 52 शक्तिपीठों के दर्शन करना उनकी इच्छा है। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल में शक्तिपीठों के दर्शन कर चुके हैं।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी मां भद्रकाली की पूजा की। उन्होंने मंदिर परिसर में प्राचीन त्रिशूल पर मन्नत का धागा भी बांधा।
मंदिर का मनमोहक वातावरण
उपराष्ट्रपति ने मंदिर के वातावरण की सराहना करते हुए इसे अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से भरपूर बताया। पूजा के दौरान बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. एम.के. मोदगिल, स्नेहिल शर्मा, मीना जोशी, और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे।
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VIDEO : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मां भद्रकाली शक्तिपीठ में की पूजा-अर्चना, चांदी के घोड़े अर्पित कर निभाई परंपरा