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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मार्च 2022 में सत्ता में आने के बाद से विज्ञापनों, मंत्रियों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों के आधिकारिक/अनौपचारिक कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार पर सार्वजनिक धन खर्च का ब्योरा तलब किया है।
बलवंत सिंह और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि छठे पे कमीशन को लागू करने के बाद 1 जनवरी, 2016 से 30 जून, 2021 तक का बकाया सरकार ने जारी ही नहीं किया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आप कर्मचारियों का बकाया तो जारी नहीं कर पा रहे, लेकिन विज्ञापनों पर पूरा खर्च किया जा रहा।
सुनवाई के दौरान वित्त मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट उपसमिति की बैठक के बिंदु कोर्ट के सामने रखे गए। सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों सहित महत्वपूर्ण वित्तीय दायित्वों का उल्लेख किया गया था।
हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में पंजाब सरकार को तीन महीनों में बकाए की यह राशि जारी करने के आदेश दे दिया था। पिछली सुनवाई पर वित्त सचिव ने कहा था कि इस बकाए को जारी करने में 18 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह राशि 2029-30 से 30-31 तक जारी कर दी जाएगी। इस पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाई तो सरकार ने समय सीमा 2027-28, 28-29 तक बताई। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार के पास अपने विज्ञापनों पर खर्च करने के लिए पैसे हैं, लेकिन इस कर्मियों के बकाए के लिए नहीं। लिहाजा हाईकोर्ट ने अब पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि 2022 जबसे उनकी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से लेकर अब तक प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापनों पर कितना खर्च किया है इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए।
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Highcourt: पंजाब सरकार विज्ञापन, मंत्रियों के कार्यक्रमों व कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार पर खर्च का ब्योरा दे