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घर-घर जाकर टीबी के मरीजों का एजेंसी करवाएगी इलाज : स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मुक्त भारत 2025 मिशन के तहत लगाया 40 लाख रुपये का टेंडर Latest Haryana News

घर-घर जाकर टीबी के मरीजों का एजेंसी करवाएगी इलाज : स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मुक्त भारत 2025 मिशन के तहत लगाया 40 लाख रुपये का टेंडर Latest Haryana News

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आशीष सिद्धू

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सिरसा। टीबी मुक्त भारत 2025 मिशन के तहत जिले में टीबी के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग विभाग अब निजी एजेंसी का सहारा लेगा। इसके लिए लगभग 40 लाख रुपये का टेंडर लगाया गया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी टीबी के मरीजों का सत्यापन करने से लेकर उनका छह महीने तक इलाज करेगी और सुविधाएं मुहैया करवाएगी।

नागरिक अस्पताल में क्षय रोग विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार द्वारा एनटीसीपी प्रोग्राम का बजट जारी किया जाता है। इसी बजट के आधार पर 39 लाख 92 हजार रुपये का टेंडर लगाया गया है। डाॅ. प्रतीक गोयल ने बताया कि टीबी के मरीज इलाज लेने में लापरवाही न बरते और बीच में उपचार न छोड़े। वह अपना उपचार पूरी तरह से करवाए। इसकी निगरानी का काम एजेंसी करती है। मरीज सरकारी और निजी अस्पताल दोनों में उपचार करवाते हैं। निजी अस्पताल के मरीजों की गणना नहीं हो पाती है। ऐसे में केंद्र सरकार ने टीबी मुक्त भारत 2025 मिशन के तहत मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए एनटीसीपी प्रोग्राम के द्वारा बजट जारी किया है। संवाद

बॉक्स

जिले में इस प्रकार हैं टीबी के मरीज

नागरिक अस्पताल में रजिस्टर्ड 1987 मरीज

निजी अस्पतालों में इलाज लेने वाले मरीज- 1099 मरीज

कुल मरीज 3086 मरीज

यह होता है रोगी का कोर्स

मरीज को पहली स्टेज में छह से आठ महीने तक रोजाना दवा लेनी होती है। कोई मरीज बीच में दवा छोड़ देता है, तो उसे दोबारा मल्टी ड्रग्स रेसिस्टेंट टीबी (एमडीआर) होगी। उस मरीज को 24 से 27 माह तक हर रोज दवा लेनी होगी। एमडीआर से ग्रस्त मरीज बीच में दवा छोड़ देता है तो उसकी बीमारी जानलेवा बनकर लौटती है, जिसे एक्सट्रीम ड्रग रिजीसटेंट (एक्सडीआर) टीबी कहते हैं। एक्सडीआर मरीज को 27 से 30 माह तक दवा लेनी होगी।

पौष्टिक आहार के लिए टीबी के मरीजों को हर माह मिलेंगे 1000 रुपये

केंद्र सरकार ने नवंबर में ही टीबी मरीजों को पोषण युक्त भोजन के लिए दी जाने वाली निक्षय पोषण योजना की राशि में वृद्धि कर दी है। वृद्धि के बाद टीबी मरीजों को निक्षय योजना के तहत एक हजार रुपये हर महीने मिलेंगे। पूर्व में इस मद में पांच सौ रुपये ही मिलते थे। ये राशि सरकारी व निजी अस्पतालों में टीबी का इलाज करवा रहे सभी मरीजों को मिलेगी। इस राशि से टीबी के मरीजों को खान पान और स्वास्थ्य सुधार में आएगा।

कोट्स

विभाग की ओर से 39 लाख 92000 रुपये का टेंडर लगाया गया है। हमारे पास 1500 मरीजों के इलाज के लिए बजट आया है। एजेंसी के टेंडर लेने के बाद निजी अस्पतालों में इलाज ले रहे मरीजों का भी सत्यापन करके इलाज दिया जाएगा। -डॉ. प्रतीक गोयल, जिला क्षय रोग अधिकारी, नागरिक अस्पताल सिरसा।

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