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38वीं नेशनल गेम्स की तैयारियों में जुटे चंडीगढ़ के 500 से अधिक खिलाड़ियों को बड़ा झटका लगा है। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) ने इस बार खेलों की सूची से बिलियर्ड्स एंड स्नूकर, पेंचक सिलाट, कराटे, गत्तका और सेपक टकरा जैसे पांच प्रमुख खेलों को बाहर कर द
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37वीं गेम्स में थे शामिल, अब बाहर पिछली बार गोवा में आयोजित 37वीं नेशनल गेम्स में ये सभी खेल शामिल थे। लेकिन इस बार आईओए की सूची में इन्हें जगह नहीं मिली। वहीं, नए शामिल किए गए योगासन, मल्लखंभ, कलारीपयडू और राफ्टिंग को डेमो गेम्स का दर्जा दिया गया है, जिसमें खिलाड़ियों को सर्टिफिकेट तक नहीं मिलेगा।
चंडीगढ़ में कलारीपयडू और राफ्टिंग की टीमें ही नहीं हैं, जिससे शहर को और नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं, योगासन और मल्लखंभ में चंडीगढ़ की टीमें शामिल हो सकती हैं।
खिलाड़ियों के करियर पर असर आईओए के इस फैसले से न केवल खिलाड़ियों के सपने टूटे हैं, बल्कि उनके करियर पर भी गहरा असर पड़ा है। नेशनल गेम्स में भाग लेना खिलाड़ियों के लिए सम्मान और भविष्य के अवसरों का द्वार होता है। इसके साथ ही राज्य सरकार की नई खेल नीति के तहत पदक विजेताओं को कैश अवॉर्ड और अन्य सुविधाएं मिलती हैं।
पेंचक सिलाट के कोच सावन कुमार ने बताया कि इस खेल में गरीब और सरकारी स्कूलों के बच्चे ज्यादा भाग लेते हैं। नेशनल गेम्स से बाहर होने पर ये बच्चे एडमिशन, स्कॉलरशिप और कैश अवॉर्ड जैसी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे। इस समय चंडीगढ़ में 60-70 बच्चे डड्डूमाजरा कोचिंग सेंटर में पेंचक सिलाट की तैयारी कर रहे थे।
200 कराटे खिलाड़ी निराश कराटे के कोच और सचिव मंशाराम ने बताया कि चंडीगढ़ में करीब 200 बच्चे रोजाना कोचिंग करते हैं। वे सभी नेशनल गेम्स में शहर का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रहे थे, लेकिन अब उनके सपने चूर हो गए हैं। फैडरेशन से इस फैसले पर बात की जाएगी।
गत्तका और सेपक टकरा के खिलाड़ी भी प्रभावित गत्तका एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि नेशनल गेम्स से इस खेल को बाहर करना न केवल खिलाड़ियों के लिए नुकसानदेह है, बल्कि हमारी पारंपरिक कला को भी नजर अंदाज करना है। गत्तका से जुड़े खिलाड़ियों की संख्या 100 से अधिक है।
इन पांच खेलों की एसोसिएशन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए नेशनल फैडरेशन से संपर्क करना शुरू कर दिया है। पेंचक सिलाट एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ के जॉइंट सेक्रेटरी अनिकेत ने कहा कि इस फैसले को चुनौती देने के लिए आगे की रणनीति बनाई जा रही है।
खेलों का भविष्य अनिश्चित आईओए की नई सूची से खिलाड़ियों का भविष्य अधर में लटक गया है। नए डेमो गेम्स में सर्टिफिकेट तक नहीं दिए जाएंगे, जिससे खिलाड़ी और कोच दोनों निराश हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या खेल विभाग और एसोसिएशन मिलकर इन खिलाड़ियों के हित में कोई ठोस कदम उठाएंगे या नहीं।
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चंडीगढ़ के 500 खिलाड़ियों को बड़ा झटका: नेशनल गेम्स से बाहर हुए 5 खेल, एसोसिएशन ने किया फेडरेशन से संपर्क – Chandigarh News