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सरस्वती वंदना से शुरु हुई संस्कृति उत्सव में उन्माद, मस्ती और संवेदना नजर आई। उत्तर भारत के 10 कैंटोनमेंट बोर्ड के बच्चों ने इसमें सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। हरियाणवी नृत्य ने जहां दर्शकों में जोश भर दिया, वहीं पंजाबी लोकनृत्य ने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। जबकि डलहौजी के बच्चों ने शिवमय आधारित हिमाचल गीत गुनगुनाया और नृत्य किया तो इसे देखकर प्रत्येक दर्शक भक्ति के सागर में हिचकौले खाने लगा। रैना ऑडिटोरियम में शुक्रवार को कैंटोनमेंट बोर्ड अंबाला द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जोकि छह वर्ष बाद हुआ था। रक्षा संपदा पश्चिमी कमान के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के बच्चों का सांस्कृतिक महोत्सव संस्कृति 2024 का आयोजन 22 से 23 नवंबर तक किया जा रहा है। इसमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व दिल्ली छावनियों के बच्चे भाग ले रहे हैं।
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