हिसार-हांसी। पराली जलाने पर प्रतिबंध के बावजूद किसान बाज नहीं आ रहे हैं। जिले में पराली जलाने के अब तक 15 मामले सामने आए हैं। वहीं, कृषि विभाग ने 10 किसानाें के चालान काटकर 27500 रुपये का जुर्माना वसूला है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता ओमप्रकाश महीवाल ने बताया कि पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी फील्ड में जाकर फसल अवशेष प्रबंधन के साथ-साथ किसानों को जागरूक कर रहे हैं। उधर, उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि जिला प्रशासन फसल अवशेष व पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई करेगा। हरसेक की ओर से आगजनी की लोकेशन मिलने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
50 हजार से एक लाख की मिलेगी प्रोत्साहन राशि
जिले में रेड जोन व येलो जोन सहित जिन गांवों में धान की फसल बोई गई है, उनमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों, गांव के पटवारी, ग्राम सचिव, नोडल अधिकारियों, राजस्व व पंचायत विभाग के अधिकारियों, पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है। उपायुक्त ने बताया कि रेड जोन और येलो जोन के गांवों में कहीं भी पराली नहीं जलाई जाती है तो रेड जोन के गांवों को एक लाख रुपये और येलो जोन गांवों के लिए 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत धान की कटाई के बाद पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
पराली को पशु चारे के रूप में करें इस्तेमाल
हांसी एसडीएम कुलभूषण बंसल ने किसानों से अपील की है कि वे धान की फसल की कटाई के बाद फसल अवशेष को जलाने के बजाय पशु चारे के रूप में इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि फसल के अवशेष जलाने से वायु प्रदूषित होती है, जिसके कारण स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। नारनौंद में तीन जगहों पर फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। दो किसानों पर ढाई-ढाई हजार व एक किसान पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
Hisar News: पराली जलाने पर 10 किसानों के काटे चालान, 27500 रुपये का जुर्माना