माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। जागरूकता कार्यक्रम करने और अधिकारियों की निगरानी के बावजूद किसान पराली जला रहे है। शुक्रवार को भी एक स्थान पर पराली जलाने का मामला सामने आया है। पराली जलाने के मामले में प्रदेश में अब कुरुक्षेत्र ने करनाल जिले को पछाड़ दिया है। करनाल जिले में अब तक कुल 43 मामले आ चुके हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में 46 मामले हैं। कैथल जिला 35 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। अब पराली जलाने वालों पर एफआईआर के साथ-साथ गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा सरकार ने इस बार पराली जलाने के मामले शून्य करने के आदेश दिए थे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। प्रदेशभर में 11 अक्तूबर तक 280 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। जिस दिन अवकाश होता है, उस दिन पराली जलाने के मामले अधिक सामने आते हैं। उपनिदेशक (कृषि) डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि पराली जलाने के मामलों को सर्वोच्च न्यायालय ने भी सख्ती से लिया है।
पराली जलाने वालों पर एफआईआर के साथ उन्हें गिरफ्तार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही विभाग द्वारा फील्ड में, विशेष रूप से अवकाश के दिनों में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को ज्यादा अंजाम देने की आशंका के मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इससे पहले उपायुक्त उत्तम सिंह की ओर से चार किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। जिला प्रशासन चाहता है कि किसान बात को समझे, ताकि उन्हें एफआईआर और गिरफ्तारी का सामना न करना पड़े।
डॉ. सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को सख्त निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने की कोई घटना न हो। सीपीसीबी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक द्वारा भी लगातार फील्ड का निरीक्षण किया जा रहा है। प्रशासन के सहयोग से अन्य विभागों से भी स्टाफ लेकर गांव स्तर पर 550 कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। यदि कोई किसान बार-बार समझाने के बावजूद नहीं मानता है तो पुलिस विभाग द्वारा भी उसके विरुद्ध नियमानुसार उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Karnal News: अब पराली जलाई तो गिरफ्तारी भी होगी