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इजराइल ने गुरुवार को सेंट्रल बेरूत में अब तक की सबसे बड़ी एयरस्ट्राइक की।
इजराइल ने लेबनान में यूनाइटेड नेशंस (UN) की पीसकीपिंग फोर्स के पोस्ट पर भी हमला किया।इस हमले में फोर्स के 2 सदस्य घायल हो गए।
दरअसल, UN के पीसकीपिंग मिशन के लिए इजराइल-लेबनान बॉर्डर पर ब्लू लाइन बनाई गई है। यहां भारत के भी 600 सैनिक तैनात हैं। गुरुवार को किए गए इन हमलों पर भारत ने भी चिंता जाहिर की है।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वे ब्लू लाइन पर बिगड़ते सुरक्षा हालातों को मॉनिटर कर रहे हैं। पीसकीपिंग फोर्स की पोस्ट की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
इस कार्रवाई के बाद इटली, फ्रांस और इंडोनेशिया जैसे कई देशों ने इजराइल से जवाब मांगा है। वहीं, भारत में इजराइल के राजदूत रुयूवेन अजार ने कहा कि हिजबुल्लाह UN पोस्ट की आड़ में इजराइल पर हमले कर रहा है। इजराइल UN के सैनिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।

इजराइल ने गुरुवार को UN पीसकीपिंग टीम के बेस पर टैंक से हमला किया।
लेबनान पर UN और इजराइल में क्या है विवाद ?
लेबनान और इजराइल बॉर्डर पर 2 तरह के पीसकीपर्स तैनात हैं। इनमें से एक का नाम ‘यूनाइटेड नेशन इंटरिम फोर्स इन लेबनान’ यानी UNIFIL है। जबकि दूसरी ‘यूनाइटेड नेशन डिसइंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स’ है।
इजराइल ने लेबनान में 1 अक्टूबर को जमीनी घुसपैठ शुरू कर दी थी। इसके बाद इजराइल ने UN पीसकीपर्स को दक्षिणी लेबनान से हटने को कहा था। हालांकि, UN ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
अब UN ने आरोप लगाया है कि इजराइल ने पिछले 24 घंटों में लगातार उनके बेस को निशाना बनाया है। इजराइली सैनिकों ने जानबूझकर UNIFIL के 2 और बेस पर कैमरा और लाइट्स पर गोलियां चलाईं।
वहीं इजराइली सेना ने कहा है कि टैंक से हमला करने से पहले उन्होंने UN पीसकीपिंग सदस्यों को सुरक्षित जगह चले जाने की वॉर्निंग दी थी।

इजराइली हमले में लेबनान के 22 लोगों की मौत इजराइल ने गुरुवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में एक इमारत पर हवाई हमले किए। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमले में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 177 लोग घायल हुए हैं। इजराइल ने हमले पर फिलहाल कोई बयान जारी नहीं किया है।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, हमले में हिजबुल्लाह के सीनियर सदस्य और कोऑर्डिनेशन यूनिट के चीफ वाफीक साफा को टारगेट किया गया था। हालांकि, हमलों के बीच वह भागने में कामयाब रहा। यह सेंट्रल बेरूत में इजराइल की अब तक की सबसे बड़ी एयरस्ट्राइक रही है।
ईरानी तेल भंडार पर हमला रोकने के लिए अमेरिका पर दबाव बना रहे सऊदी-कतर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब, कतर और UAE जैसे कई खाड़ी देश ईरान के तेल भंडारों पर इजराइली हमला रोकने के लिए अमेरिका पर दबाव बना रहे हैं। इन देशों ने कहा है कि वे ईरान पर हमले के लिए इजराइल को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल नहीं करने देंगे।

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराग्ची ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की।
दरअसल, इजराइली PM नेतन्याहू ने गुरुवार को देश की सिक्योरिटी कैबिनेट के साथ एक मीटिंग की थी। CNN ने दावा किया था कि नेतन्याहू ने यह बैठक ईरान पर हमले के प्लान को फाइनल करने के लिए की थी।
इससे पहले इजराइल PM ने ईरान पर पलटवार के लिए 9 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से भी फोन पर बात की थी। इस दौरान बाइडेन ने दोहराया कि इजराइल को अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है। इससे एक दिन पहले बाइडेन ने कहा था कि इजराइल को ईरान के तेल और परमाणु ठिकानों पर हमला करने से बचना चाहिए।
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लेबनान में करीब तीन हजार भारतीय हैं। इजराइल ने लेबनान पर हमले शुरू किए, तो ये लोग भी उसकी जद में आ गए। इनमें से कई तो अब भारत लौटने के बारे में सोच रहे हैं। जंग की कवरेज के दौरान दैनिक भास्कर बेरूत में रह रहे भारतीयों से मिला। उनसे लेबनान आने से लेकर मौजूदा हालात पर बात की। पूरी खबर पढ़ें…
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