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पिछले दो दिनों से हिमाचल स्टेट गवर्नमेंट द्वारा प्रस्तावित टॉयलेट सीट पर टैक्स के खिलाफ बीजेपी की फाइनेंस मिनिस्टर द्वारा बयान दिया गया। इसको लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एचएस लक्की का कहना है कि नगर निगम चंडीगढ़ द्वारा सीवरेज सैस के नाम पर 2019 में प
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लेकिन कांग्रेस-आप के निगम में सत्ता में आते ही इसे वॉटर बिल का 30 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने की हाउस में प्रस्ताव पास किया गया। लेकिन प्रशासन ने इसे बिल का 25 फीसदी कर दिया। कांग्रेस रेजिडेंशियल में सीवरेज सेस लगाने के विरोध में है। लक्की ने कहा कि हिमाचल राज्य सरकार ने तो केंद्रीय वित्त मंत्री के बयान पर स्पष्ट किया कि सीवरेज टैक्स प्रस्तावित था इसे लागू नहीं किया गया। लेकिन चंडीगढ़ में नगर निगम में शासित बीजेपी ने 2019 में सीवरेज सेस को बिलों का 30 फीसदी प्रस्ताव पास कर दिया। इससे पहले रेजिडेंशियल में प्रति सीट 10 रुपए सीवर सेस लगता था। उस समय कांग्रेस शासित निगम ने इसे भी हटाने के प्रयास किए थे लेकिन प्रशासन ने प्रस्ताव रिजेक्ट कर दिया था।
दूसरी ओर एडवोकेट अजय जग्गा ने मेयर कुलदीप कुमार को ई-मेल के जरिए लेटर भेजा है। इसमें हिमाचल सरकार की ओर से प्रस्तावित सीवरेज टैक्स पर हुए राजनीतिक हंगामे का जिक्र किया। लेकिन इस घटना ने चंडीगढ़ नगर निगम के सीवरेज सेस लगाए जाने की जांच की मांग कर दी है। जग्गा ने लेटर में जिक्र किया कि निगम में कांग्रेस और आप की सत्ता है। कांग्रेस-आप नेतृत्व वाली निगम के मेयर को इसपर स्टडी करनी चाहिए कि रेजिडेंशियल के टॉयलेट की संख्या के अधार पर टॉयलेट सीट के अधार पर टैक्स वसूल रही है।
हालांकि इसका नाम सीवरेज सेस है, लेकिन घर में टॉयलेट की संख्या के अधार पर पिछले कुछ सालों से वसूला जा रहा है। चूंकि यह सीवर सैस नगर निगम वॉटर बाई लॉज उपनियम 2000 संशोधित के तहत लगाया जा रहा है। पहले यह प्रति सीट प्रति माह के हिसाब से वसूला जाता था लेकिन बाद में बाई लॉज में संशोधन करके वॉटर बिल का 30 फीसदी करके लागू कर दिया। मेयर को भेजे लेटर में अजय जग्गा ने कहा कि इस मामले को प्रशासन को भेजने से पहले आप इसकी समीक्षा करें। अगर हिमाचल प्रदेश सरकार ने इसे लागू नहीं किया है तो नगर निगम को भी इसकी समीक्षा करनी चाहिए।
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कांग्रेस-आप ने सीवरेज सेस को 10% करने का प्रस्ताव पारित किया था, प्रशासन ने 25% कर दिया : लक्की – Chandigarh News