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फरीदाबाद. हरियाणा के फरीदाबाद की हवा इन दिनों हर रोज़ और ज़्यादा खराब होती जा रही है. सांस लेना मुश्किल हो गया है और लोग इसे अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में साफ-साफ महसूस भी कर रहे हैं. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कभी बहुत खराब तो कभी खतरनाक के बीच झूल रहा है. औसतन AQI 304 से 396 तक पहुंच चुका है यानी हवा में इतना ज़हर घुल चुका है कि अब ये साफ तौर पर खतरे की घंटी है. हवा में PM2.5 और PM10 जैसे धूल के बारीक कण भरे हुए हैं ये कण सीधे फेफड़ों में जाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं.
अगर सेक्टर के हिसाब से देखें तो कुछ इलाकों में AQI 186 है लेकिन कई जगह 396 तक पहुंच गया है. सेक्टर-11 की हालत सबसे खराब बताई जा रही है. बल्लभगढ़ में भी हालात अच्छे नहीं हैं यहां AQI 160 से 242 तक है. लोग परेशान हैं. आंखों में जलन, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ अब ये सब आम बातें हो गई हैं.
Local18 से बात करते हुए दीपक बताते हैं कि वो फरीदाबाद से रोज़ पलवल जॉब जाते हैं और मार्केटिंग करने के लिए फरीदाबाद जाते रहते हैं. दीपक कहते हैं जैसे ही मैं फरीदाबाद के मार्केट इलाके में पहुंचता हूं और आंखों में जलन और सांस में तकलीफ शुरू हो जाती है. हवा इतनी खराब है कि नाक में घुसता धुआं सीधा सिर तक चढ़ जाता है. दीपक मानते हैं कि सबसे बड़ा कारण खुले में जलता कबाड़ है. फरीदाबाद में जगह-जगह कबाड़ के गोदाम खुले हैं और वहां तांबे के तार निकालने के लिए लोग प्लास्टिक जला देते हैं. उस जलते तार से उठता जहरीला धुआं पूरे शहर में फैला हुआ है. दीपक बताते हैं दूर से ही धुएं के बवंडर दिख जाते हैं. लोग बस अपने लालच में सब जला देते हैं लेकिन इसका असर पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है.
दीपक के मुताबिक शहर में फैक्ट्रियों और उद्योगों की तादाद भी बहुत है. इनसे निकलने वाला धुआं हवा को और जहरीला बना देता है. ऊपर से आबादी भी बढ़ रही है, जिससे गाड़ियों की संख्या और उनका धुआं भी हर दिन बढ़ता जा रहा है. दीपक ये भी कहते हैं कि खुले में कूड़ा और कबाड़ जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए कोई शिकायत नंबर होना चाहिए ताकि लोग रिपोर्ट कर सकें और दोषियों पर तुरंत एक्शन लिया जाए.
गुरुग्राम में कितना है सोमवार का एक्यूआई
गुरुग्राम की बात करें तो वहां भी हालात कुछ खास अलग नहीं हैं. वहां का औसत AQI 200 से 340 के बीच है. सेक्टर-56 जैसे इलाकों में AQI 304 तक पहुंच चुका है. बाकी इलाके भी कम जहरीले नहीं हैं. यहां भी वही कहानी है PM2.5 और PM10 की भरमार. ये बारीक कण सिर्फ फेफड़ों तक नहीं रुकते बल्कि दिल और दिमाग तक असर डालते हैं.
नीरज कुमार रोज़ दिल्ली से फरीदाबाद आते-जाते हैं वो भी हवा का ये जहरीलापन महसूस कर रहे हैं. Local18 से बात करते हुए नीरज कहते हैं कि आंखों में जलन, सांस में भारीपन से सीने में दबाव महसूस होता है. धुंध इतनी है कि सड़कें भी धुंधली दिखने लगी हैं. मास्क उतारो तो सांस सूखने लगती है. नीरज की सलाह है कि इस वक्त सभी को खास सावधानी बरतनी चाहिए.
गौरतलब है कि 0 से 50 तक हवा अच्छी है. 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब, और 401 से 500 खतरनाक. फरीदाबाद और उसके आस-पास के शहर अब सबसे खराब स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं. ये सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं है ये फरीदाबाद के लोगों की हकीकत बन चुकी है.
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