सांकेतिक तस्वीर
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हरियाणा के बहल में विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र के पर्व पर जहां लोगों का जोरदार उत्साह देखने को मिला, वहीं लोकतंत्र के प्रति आस्था की ऐसी मिसाल देखने को मिली जो शायद ही किसी के लिए ऐसा कर पाना संभव हो। बहल कस्बे की एक महिला मतदाता को उसके पति की मौत का समाचार मिलने के बाद भी उसने पहले मतदान को जरूरी समझा और बाद में अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए बहल से निकली।
कस्बे की सुनीता बहल में ही अपने मायके में रहती है। सुनीता का पति बाबूलाल (48) गुरुग्राम में बैग सिलाई का काम करता है। बाबूलाल की शनिवार को अचानक तबीयत खराब हुई और उसने कुछ समय बाद दम तोड़ दिया।
इसकी सूचना मिलने पर परिजनों ने जब गुरुग्राम जाने के लिए तैयारी की तो सुनीता ने उनसे कहा कि जो भगवान को मंजूर था, वो हो गया है। जाने से पहले वह लोकतंत्र के प्रति अपना दायित्व निभाएगी।
इस पर उसने अपने बच्चों सहित मतदान में भाग लिया और उसके बाद अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए गुरुग्राम पहुंची। सुनीता कस्बे में पिछले काफी समय से रह रही है। उसके एक पुत्र और एक पुत्री है। बेटी शिल्पा बहल में ही हीरो एजेंसी में काम करती है जबकि बेटा अजयधारा इटली में काम करता है।
लोकतंत्र में आस्था की मिसाल: पति की मौत के बाद महिला ने पहले किया मतदान, फिर किए अंतिम दर्शन