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नेता चुनने के लिए वोट डालने पहुंचे बुजुर्ग
– फोटो : अमर उजाला
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निर्वाचन आयोग ने बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर बैठे मतदान की सुविधा दी है। इसके बावजूद बुजुर्गों में पोलिंग बूथ पर आकर मतदान का मोह कम नहीं हुआ। शनिवार को बड़ी संख्या में बुजुर्ग मतदाताओं ने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर न सिर्फ वोट डाला, बल्कि युवाओं से भी मतदान की अपील की।
निर्वाचन आयोग ने 40 फीसदी दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाताओं को घर बैठे ही मतदान की सुविधा दी थी। इनके पास 12-डी फार्म भरकर घर से ही मतदान करने का विकल्प था। इसके बावजूद लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व को लेकर बुजुर्गों में गजब का उत्साह देखने को मिला। 95 साल तक के मतदाता शारीरिक लाचारी को पीछे छोड़ अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे हुए थे। किसी ने विकास के लिए तो किसी ने पेंशन संबंधी घोषणाओं के पूरा होने की उम्मीद से मतदान केंद्र पहुंचकर ईवीएम पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने का बटन दबाया। कुछ बुजुर्ग अकेले पहुंचे तो कुछ परिवार के साथ।
बुजुर्ग बोले-ऐसा अवसर बार-बार नहीं आता
जींद के एक मतदान केंद्र पर 81 वर्ष की बंती देवी मतदान करने पहुंचीं। उन्होंने कहा ऐसा अवसर बार-बार कहां मिलता है। वहीं, सोनीपत खानपुर कला के 95 वर्ष के जिले सिंह अकेले ही मतदान केंद्र पहुंचे तो नारनौल बिहाली की 81 वर्ष की संतोष व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंचीं। सोनीपत के सरगथल बूथ में व्हीलचेयर नहीं मिली तो परिजन गोद में ही बुजुर्ग मतदाता को अंदर ले आए।
रोहतक के सांघी में 95 साल के बुजुर्ग भूप सिंह छड़ी के सहारे ही मतदान केंद्र पहुंचे और कहा कि इस दिन का सबको इंतजार रहता है। इसी तरह चमारिया की 74 साल की अंगूरी देवी परिजनों के साथ मतदान करने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि चुनाव का दिन किसी पर्व से कम नहीं होता। 81 साल की रामप्यारी अपनी तीन पीढि़यों के साथ मतदान केंद्र पहुंचीं। इसमें 50 साल की पुत्रवधू सरोज और 28 साल की पोती विना भी उनके साथ थीं।
रेवाड़ी के कोसली विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को कोसली निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी 105 वर्षीय मंगल सिंह ने बूथ पर पहुंच कर मतदान किया। उन्होंने बताया कि वह किसी भी चुनाव में मतदान करने में पीछे नहीं रहते हैं। मतदान करना लोकतांत्रित अधिकार है। मतदान के पर्व में हिस्सा लेकर काफी खुशी मिलती है।
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Election: बुजुर्गों का नहीं छूटा पोलिंग बूथ से मोह, घर बैठे मतदान की सुविधा के बावजूद मतदान केंद्रों पर पहुंचे