भिवानी। भिवानी जिले की चार विधासभा क्षेत्रों के 56 प्रत्याशियों का भाग्य देर शाम तक मतपेटियों में बंद हो गया। अब आठ अक्तूबर को तय होगा कि किसके सिर ताज सजेगा और कौन हारेगा। हालांकि जिले के आठ लाख अस्सी हजार दो सौ छह मतदाताओं में से छह लाख चौदह हजार सात सौ इक्यावन मतदाताओं ने अहम भागीदारी निभाई।
ये मतदाता ही प्रत्याशी की हार-जीत तय करेंगे। मतदान के आखिरी क्षणों तक प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा था वहीं मतदाताओं के बीच भी हार-जीत को लेकर संशय बना रहा।
भिवानी विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बाद स्थिति यह बनी है कि यहां भाजपा और माकपा-कांग्रेस प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। हालांकि निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशी भी मतदाताओं का विश्वास जीतने में काफी सफल रहे हैं। यही हाल तोशाम का है। जहां भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी ही आमने-सामने मजबूती से डटे हैं।
मतदान के बाद भी यहां समीकरण कुछ बदले-बदले हैं। यहां पर भी बंसीलाल परिवार के सदस्यों की राजनीतिक साख दाव पर लगी है। मतदाता ही यह तय करेंगे कि चौ. बंसीलाल के नाम पर भविष्य में यहां से कौन प्रत्याशी राजनीति करेगा। हारने वाले प्रत्याशी का राजनीतिक कॅरिअर ही दाव पर माना जा रहा है।
बवानीखेड़ा में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला बना है। क्योंकि कस्बा और ग्रामीण क्षेत्र में दोनों ही प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला है। लोहारू विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। यहां पहले से ही दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं। लोहारू में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस प्रत्याशी को यहां से बढ़त मिली थी, जबकि ये इलाका यहां के पूर्व कृषि और पूर्व वित्तमंत्री जयप्रकाश दलाल का है।
उस समय भी मतदान प्रतिशत सबसे अधिक रहा था और इस बार भी विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत जिले में सबसे टॉप पर है। ऐसे में अधिक मतदान का फायदा किस प्रत्याशी को मिलेगा। इस पर राजनीति के चाणक्यों का मंथन भी शुरू हो गया है।
Bhiwani News: भिवानी जिले के 56 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में हुआ बंद, आठ को तय होगा किसके सिर सजेगा ताज