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अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर हुई आत्महत्या की घटना की जांच की जिम्मेदारी हरियाणा कैडर की आईपीएस अधिकारी मनीषा चौधरी को सौंपी गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए मनीषा चौधरी को नियुक्त किया है। घटना में एक व्यक्ति न
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आपको बता दें कि, स्वर्ण मंदिर के बाहर हुई इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता उत्पन्न की है। एक व्यक्ति ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात सहायक उप निरीक्षक से उसकी पिस्तौल छीन ली और खुद को गोली मार ली। इस गंभीर घटना के बाद उच्च न्यायालय ने आईपीएस मनीषा चौधरी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, जो वर्तमान में हरियाणा में अतिरिक्त महानिरीक्षक (प्रशासन) के पद पर तैनात हैं। चौधरी को साप्ताहिक आधार पर प्रगति रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है।
क्या कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने जांच के दौरान पंजाब पुलिस पर की गई सुरक्षा चूक से संबंधित टिप्पणियों को हटाने का आदेश भी दिया है। अदालत का कहना है कि इन टिप्पणियों से पुलिस की ईमानदारी पर संदेह नहीं किया जा रहा है, बल्कि पुलिस बल की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। पंजाब सरकार ने इन टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया था, ताकि पुलिस बल की छवि को नुकसान न पहुंचे।
एफआईआर और कानूनी कार्रवाई
घटना के संबंध में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर आईपीसी की धारा 304 (छीनने) के तहत दर्ज की गई है, जबकि अन्य एफआईआर राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 285 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालना) और धारा 8-बी (दुर्व्यवहार द्वारा राजमार्ग को नुकसान पहुंचाना) के तहत दर्ज की गई हैं। यह एफआईआर अमरावती के ई-डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई हैं।
अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने स्वप्रेरित याचिका के आधार पर यह आदेश जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी, जिसमें जांच की अब तक की प्रगति पर अदालत को सूचित किया जाएगा। इस घटना ने स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर किया है, और यह सुरक्षा तैयारियों की पुनः समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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हरियाणा की IPS मनीषा करेंगी आत्महत्या की जांच: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया आदेश, गोल्डन टेंपल के बाहर मारी थी खुद को गोली – Chandigarh News