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स्नान करते लोग
– फोटो : संवाद
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सर्व पितृ अमावस्या के चलते बुधवार को श्रद्धालुओं में गहरी आस्था देखने को मिली। धर्मनगरी में पहुंचे श्रद्धालुओं ने अल सुबह ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर व पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर स्नान किया और पितरों की शांति के लिए पिंडदान के लिए पूजा अर्चना कराई। जबकि कई श्रद्धालु हवन यज्ञ कर भगवान की पूजा अर्चना में लीन नजर आए।
सर्वपितृ अमावस्या के चलते पंजाब, दिल्ली व उत्तर प्रदेश से हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे थे। ब्रह्मसरोवर तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते दिनभर मेले जैसा माहौल बना रहा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जहां पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा तो वहीं केडीबी प्रशासन की ओर से भी व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के इंतजाम किए गए थे। ब्रह्मसरोवर तट पर स्नान करने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए केडीबी प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकर के माध्यम से बार-बार सूचनाएं भी दी जा रही थी।
पंडित प्रेम कुमार शर्मा ने बताया कि सर्वपितृ अमावस्या पर तीर्थ स्थलों में स्नान करने के बाद पितरों की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए। तर्पण के लिए जल में काले तिल मिलाकर पितरों का आह्वान करते हुए जल अर्पित किया जाता है और ओम पितृभ्यः स्वधा मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार जल अर्पित किया जाता है। इस दिन ब्राह्मणों को दूध से बनी खीर का भोजन कराया जाता है।
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Kurukshetra: धर्मनगरी में सर्व पितृ अमावस्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ब्रह्मसरोवर मे लगाई आस्था की डुबकी