{“_id”:”69369acdd1ad7fdfe9094230″,”slug”:”video-doctors-strike-in-mahendragarh-2025-12-08″,”type”:”video”,”status”:”publish”,”title_hn”:”महेंद्रगढ़: डॉक्टरों की हड़ताल का चिकित्सा व्यवस्था पर नहीं दिखा असर, सुचारू रही सेवाएं”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
शहर स्थित उप नागरिक अस्पताल में दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन स्वास्थ्य सेवाओं पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा। अस्पताल में 39 में से 37 चिकित्सक हड़ताल में शामिल हुए जबकि दो चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं सुचारू रखी।
एसएमओ जयप्रकाश ने बताया कि अस्पताल में 42 चिकित्सक हैं। इनमें से 3 चिकित्सक अवकाश पर चल रहे हैं। सोमवार को स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुचारु रखने के लिए कोरियावास मेडिकल कॉलेज से चिकित्सकों की तैनाती की गई। ओपीडी भी सुचारु रही और हर प्रकार की जांच के लिए चिकित्सकों की तैनाती की गई। सोमवार को ओपीडी में अधिकतर मरीज दवाएं और वैक्सीन लेने के लिए आए। दोपहर तक अस्पताल में व्यवस्थाओं की जांच की, लेकिन कोई आपातकालीन सेवा या मरीजों के साथ परेशानी नहीं दिखी। हालांकि, आपातकालीन कक्ष में कोई टीम नहीं दिखी और चिकित्सा अधिकारी कक्ष भी खाली मिला।
वहीं, कनीना में डॉक्टरों की हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिला। अस्पताल में सामान्य दिनों की तुलना में मरीजों की संख्या काफी कम रही। मरीज सुरेंद्र, आकाश, नीरज व योगेश ने बताया कि सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक दो दिन की हड़ताल पर हैं। इसके बावजूद अधिक परेशानी होने पर वे उप-नागरिक अस्पताल कनीना पहुंचे, लेकिन जांच करने वाली टीम अपनी जगह पर नहीं मिली। ओपीडी खुली होने के बावजूद अधिकतर मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। एसएमओ डॉ. रेणु वर्मा ने बताया कि हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के साथ बातचीत का कोई ठोस समाधान नहीं निकला। एसोसिएशन सरकार के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती के फैसले का विरोध कर रही है। संगठन का कहना है कि चिकित्सा अधिकारियों को लंबे समय से पदोन्नति नहीं दी जा रही है और इसके कारण वे बिना प्रमोशन के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संगठन का कहना है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी एसएमओ पद पर भर्ती करने के बजाय उन्हें सेवा में बनाए रखने के लिए विशेषज्ञ प्रोत्साहन, आयुष्मान प्रोत्साहन और वैकल्पिक एनपीए दिया जाना चाहिए। आम दिनों की तुलना में सोमवार को दोनों अस्पतालों में मरीजों की अच्छी-खासी भीड़ रहती है, लेकिन हड़ताल की जानकारी मिलते ही मरीजों की संख्या बेहद कम रही।
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महेंद्रगढ़: डॉक्टरों की हड़ताल का चिकित्सा व्यवस्था पर नहीं दिखा असर, सुचारू रही सेवाएं