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How Many Doctors Per Person In India: बीमारियों और मरीजों की संख्या पूरी दुनिया में तेजी के साथ बढ़ रही है. कुछ समय पहले एक रिपोर्ट आई थी कि पहले जो एंटीबायोटिक दवा आसानी से काम करती थी, अब उसने भी अपना असर कम कर दिया है. ऐसे में मरीजों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए पर्याप्त डॉक्टरों की जरूरत होती है. लेकिन सरकार द्वारा जारी नए आंकड़ों ने देश में डॉक्टरों की भारी कमी एक बार फिर सामने ला दी है.
मंगलवार को संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत में 811 लोगों पर सिर्फ एक डॉक्टर उपलब्ध है. राज्यसभा में पूछे गए सवाल का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने बताया कि देश में 13,88,185 एलोपैथिक डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं, जबकि 7,51,768 AYUSH सिस्टम के डॉक्टर पंजीकृत हैं.
क्या कहा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने?
उन्होंने कहा कि यदि माना जाए कि एलोपैथिक और आयुष दोनों तरह के 80 प्रतिशत डॉक्टर ही सक्रिय रूप से उपलब्ध हैं, तो देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 बैठता है.
नड्डा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार हुआ है. 2014 की तुलना में आज मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 818 हो गई है. एमबीबीएस सीटें 51,348 से बढ़कर 1,28,875 और पीजी सीटें 31,185 से बढ़कर 82,059 पहुंच चुकी हैं.
डॉक्टरों की उपलब्धता के लिए जरूरी कदम
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने ग्रामीण, पिछड़े और जनजातीय इलाकों में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. केंद्रीय योजना के तहत जिला अस्पतालों से जुड़े 157 नए मेडिकल कॉलेजों में से 137 पहले से ही शुरू हो चुके हैं. इसके अलावा, फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम को एमबीबीएस कोर्स का हिस्सा बनाया गया है.
इसके तहत मेडिकल कॉलेज गांवों को गोद लेते हैं और एमबीबीएस छात्र इन गांवों में रहने वाले परिवारों की नियमित निगरानी करते हैं. इससे टीकाकरण, पोषण, पीरियड्स के लिए जरूरी कदम, आयरन-फोलिक एसिड सप्लीमेंट, स्वस्थ जीवनशैली, मलेरिया, डेंगू नियंत्रण और दवा के नियमों का पालन जैसे मामलों में लगातार फॉलो-अप किया जाता है.नड्डा ने बताया कि इससे लोगों तक सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी भी आसानी से पहुंच पाती है.
पीजी छात्रों की तैनाती
NMC के जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम के तहत मेडिकल कॉलेजों के दूसरे और तीसरे वर्ष के पीजी छात्रों की तैनाती जिला अस्पतालों में की जा रही है. ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले एक्सपर्ट डॉक्टरों के लिए हार्ड-एरिया भत्ता और सरकारी आवास जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं.
मंत्री ने यह भी बताया कि NMC के नए नियम, विदेशी डॉक्टरों को भारत में अस्थायी रजिस्ट्रेशन और विशेष परिस्थितियों में जैसे ट्रेनिंग, रिसर्च, फेलोशिप, वॉलंटरी सेवा या सुपर-स्पेशियलिटी कार्यक्रम के लिए काम करने की अनुमति देता है.
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हर 811 नागरिक के लिए केवल एक डॉक्टर! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब, बताया संकट दूर करन


