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BSF वेस्टर्न कमांड चंडीगढ़ के ADG सतीश एस. खंडारे जानकारी देते हुए।
पंजाब में 2019 में पहला ड्रोन दिखाई दिया था। उस समय से लेकर अब तक BSF इस समस्या से निपटने में जुटी हुई है। इसके लिए सभी एजेंसियां हल निकालने में लगी हुई हैं। वहीं, पिछले समय में काफी हद तक सफलता मिली है। जब यह तकनीक पूरी तरह लग जाएगी, तब आने वाले समय
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अब चार प्वाइंटों जानते है कि ड्रोन से निपटने की तैयारी कैसे चल रही हैं –
1.किसी भी एजेंसी को समय के साथ चलना पड़ता है और BSF इससे अलग नहीं है। जब ड्रोन का खतरा पैदा हुआ, तब 2019 में पहला ड्रोन पंजाब में देखा गया था। तभी से BSF लगातार कोशिश कर रही है कि ड्रोन के खतरे का जवाब देने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम इस्तेमाल किया जाए।
2. इस प्रोजेक्ट में सभी एजेंसियों का समन्वय है। इंडियन आर्मी, DRDO और BSF। ये सभी एजेंसियां मिलकर इस समस्या का हल खोजने में लगी हैं। बीते कुछ समय में हमें काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। जब बॉर्डर पर यह तकनीक पूरी तरह से लग जाएगी, तब आने वाले समय में हम ड्रोन की समस्या को बड़े स्तर पर नियंत्रित कर पाएंगे।
3. जब पंजाब में बाढ़ आई थी, तो खेतों में बहुत पानी भर गया था। हमारे कमांडरों और जवानों ने जमीन पर खुद पहल करके जितनी जल्दी हो सका, सारी व्यवस्था और ढांचा दोबारा ठीक कर दिया।
4. सीमा पार से यहां ड्रग्स और हथियार भेजे जा रहे हैं। इस साल अब तक 200 हथियार बरामद किए गए हैं, जो बहुत बड़ी संख्या है।
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BSF ड्रोन से निपटने की तैयारी में जुटी: 2019 में पहला दिखा था, इस साल अब तक 200 हथियार पकड़े, सारी एजेंसियां एकजुट – Mohali News
