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चोपटा। क्षेत्र के किसानों के लिए खेड़ी माइनर नहर मुसीबत बन गई है। माइनर 10 दिन में दूसरी बार टूटी है और किसानों की दूसरी बार बिजाई की गई गेहूं और सरसों की फसल खराब हो गई है। ऐसे में किसानों ने माइनर टूटने पर सिंचाई विभाग के खिलाफ नाराजगी जाहिर की और मुआवजे की मांग की।
दरअसल, शनिवार रात एक बजे के आसपास चोपटा क्षेत्र के गांव कुम्हारिया और खेड़ी के बीच खेतों में खेड़ी माइनर नहर में दरार आ गई। किसानों को रात को टूटी नहर की सूचना एक डेढ़ घंटे में ही मिल गई। किसानों ने तुरंत प्रभाव से सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया और नहर बंद करवाई। रविवार सुबह सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नहर को पाटने का काम किया। यह माइनर 10 दिन पहले भी 20 नवंबर को टूट गई थी। उस दौरान 20 एकड़ फसल बर्बाद हुई थी।
बार-बार बिजाई करनी महंगी पड़ रही
गांव कुम्हारिया के किसान सुरेंद्र कुमार, अनिल कुमार के खेत से होकर गुजर रही माइनर में शनिवार देर रात को अचानक दरार आ गई। इसमें किसानों की करीब आठ एकड़ फसल जलमग्न हो गई। नई बिजाई की हुई गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से बिजाई कर रहे हैं और नहर बार बार टूटने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। बार-बार बिजाई करनी महंगी पड़ रही है और दो गुना से ज्यादा खर्च आ रहा है।
दूसरी बार उठाना पड़ा नुकसान
ग्रामीण अनिल कुमार, सुरेंद्र और राज कुमार ने बताया कि खेड़ी माइनर टूटने से दूसरी बार खेतों में नुकसान हुआ है। नहर टूटने से राज कुमार की तीन एकड़ में गेहूं की फसल, सुनील कुमार की तीन एकड़ में सरसों की फसल, पृथ्वी सिंह की तीन एकड़ में सरसों की फसल में पानी भर गया है। किसानों का कहना है की अंतिम छोर पर पड़ने के कारण सिंचाई के लिए पानी तो हमेशा ही कम पहुंचता है। जब पहुंचता है तो नहर बार- बार टूट जाती है। इस कारण गेहूं और सरसों की फसल खराब हो जाती है और टेल के आखिरी छोर पर पड़ने वाले किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है।
बेलदार जेसीबी लेकर पहुंचा, दरार की दुरुस्त
किसानों ने बताया कि सुबह सिंचाई विभाग का बेलदार पंकज कुमार मौके पहुंचा। वह अपने साथ जेसीबी मशीन लेकर आया था। जेसीबी मशीन से दरार को पाटने का काम किया गया। इस काम में तीन घंटे का समय लगा।
वर्जन : कुम्हारिया और गांव खेड़ी के बीच खेतों में खेड़ी माइनर नहर टूटने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग की ओर से मौके पर जाकर नहर की दरार को पाटने का काम शुरू कर दिया गया। फिलहाल सिंचाई जल की आपूर्ति फिर से बहाल कर दी गई है। नहर का यह हिस्सा अभी कच्चा है ओर अंतिम छोर पर कचरा ज्यादा हो जाता है, जिससे नहर टूट जाती है। इस कच्चे हिस्से को पक्का करवाया जाएगा। – मनजीत बेनीवाल, जेई, सिंचाई विभाग।
चोपटा। माईनर टूटने के बाद खेतों में भरा पानी। संवाद
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Sirsa News: 10 दिन बाद फिर टूटी खेड़ी माइनर नहर, आठ एकड़ से ज्यादा फसल डूबी


