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हिसार। ह्यूमन इम्युनो डेफिसिएंसी वायरस (एचआईवी) से होने वाली बीमारी एड्स लाइलाज है पर संयमित जीवन, संतुलित खान-पान और नियमित दवा सेवन से सामान्य जीवन जीया जा सकता है।
जिला नागरिक अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक प्रभारी और डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुशील गर्ग के नेतृत्व में विभागीय टीम एचआईवी/एड्स के हर संदिग्ध मरीज की जांच कर रही है। डॉ. गर्ग के अनुसार जिले में सात साल में एचआईवी संक्रमित पीड़ितों की संख्या 5,248 तक पहुंच चुका है। इनमें से हिसार में 3,355 और अग्रोहा में 1,893 मरीज पंजीकृत हैं। इनमें 3,294 पुरुष और 1,899 महिलाएं शामिल हैं। सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 1595 हैं, जिनमें से हिसार में 1,218 और अग्रोहा में 377 हैं। लगातार छह माह तक दवा खाने वाले मरीज स्वस्थ हैं और इनसे संक्रमण का भी खतरा कम हुआ है।
ऐसे की जा रही पीड़ितों की पहचान
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के निर्देश पर हरियाणा में प्रदेश एड्स नियंत्रण संगठन (साको) गठित किया गया है। इसके निर्देश पर हर साल करीब एक लाख लोगाें की एचआईवी जांच की जाती है। इस लक्ष्य में गर्भवतियों का आंकड़ा करीब 45,000 है। हिसार, अग्रोहा, हांसी, नारनौंद, आदमपुर, बरवाला के जिला, उपजिला अस्पतालों, टीबी अस्पताल और नशा मुक्ति केंद्रों समेत 36 प्रसव केंद्रों में आने वाली हर गर्भवती की भी एचआईवी जांच मुफ्त की जा रही है। हिसार में इंटीग्रेटेड स्ट्रेटजी फॉर एचआईवी नामक व्यवस्था की गई है। इसके तहत फतेहाबाद से भिवानी जिले तक के मरीजों की निगरानी की जा रही है।
गोपनीयता की सुविधा बन रही बाधा
एचआईवी/एड्स पीड़ित मरीजों की पहचान छिपाई जाती है लेकिन इस गोपनीयता की आड़ में संक्रमण की हकीकत छिप रही है। इस कारण कई लोग इस रोग की गंभीर चुनौती से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही से भी एचआईवी/एड्स का संक्रमण का खतरा है। एक एचआईवी पीड़ित ने बताया कि सिरिंज से नशा ले रहे लोग भी इस संक्रमण के वाहक बन रहे हैं। इससे बचने के लिए लोग नाको के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1097 से भी जानकारी ले सकते हैं।
जागरूकता के लिए रेड रिबन क्लब गठित
एचआईवी/एड्स से बचाव जागरूकता से ही होगा। इसके लिए दो विश्वविद्यालयों और 11 आईटीआई समेत 30 शिक्षण संस्थाओं में रेड रिबन क्लब भी गठित किए हैं। इससे जुड़े छात्र/छात्राएं जागरूकता संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं। सोमवार से माहभर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
समय पर जांच और इलाज से एचआईवी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। रोगियों की पहचान के लिए मलिन बस्तियों समेत औद्योगिक क्षेत्रों में आउटरीच कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
-डॉ. सपना गहलावत, सीएमओ
बचाव के उपाय
बीमारी के लक्षण
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विश्व एड्स दिवस आज : छह माह लगातार दवा खाने वाले मरीज स्वस्थ, संक्रमण का खतरा भी घटा, जिले में 5,248 तक पहुंच चुकी एचआईवी पीड़ितों की संख्या

