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सुनीता विलियम्स को वापस लाने स्पेसएक्स का रॉकेट रवाना: 2 एस्ट्रोनॉट भी साथ गए, 6 जून से ISS पर फंसे सुनीता और बुच विलमोर Today World News

सुनीता विलियम्स को वापस लाने स्पेसएक्स का रॉकेट रवाना:  2 एस्ट्रोनॉट भी साथ गए, 6 जून से ISS पर फंसे सुनीता और बुच विलमोर Today World News

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6 दिन पहले

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फॉल्कन 9 रॉकेट को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल लॉन्च पैड से छोड़ा गया।

अरबपति इलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने शनिवार दोपहर फ्लोरिडा के केप कैनावेरल लॉन्च पैड से अपना फाल्कन 9 रॉकेट अंतिरक्ष में भेजा। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में ले गए इस रॉकेट में दो क्रू मेंबर NASA के एस्ट्रोनॉट्स निक हेग और रूसी एस्ट्रोनॉट्स अलेक्जेंडर गोरबुनोव सवार हैं।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 5 जून से फंसी भारतीय मूल की एस्ट्रोनोट्स ​​सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस लाया जाएगा। चार सीट वाले इस रॉकेट में दो सीटें खाली छोड़ी गई हैं।

फाल्कन 9 के लिए नए लॉन्च पैड का इस्तेमाल किया। जो कि क्रू मेंबर मिशन के लिए इस पैड का पहला इस्तेमाल था। NASA चीफ बिल नेल्सन ने X पोस्ट में कहा- सफल लॉन्च के लिए @NASA और @SpaceX को बधाई। हम स्टार्स में एक्सप्लोरेशन और इनोवेशन के रोमांचक पीरियड में रह रहे हैं।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इसी साल 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से ISS भेजे गए थे। दोनों को 13 जून को वापस आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी टल गई थी।

6 जून को स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद क्रू के साथ बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स।

6 जून को स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद क्रू के साथ बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स।

116 दिन से स्पेस में फंसे सुनीता और बुच विल्मोर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इसी साल 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से ISS भेजे गए थे। दोनों को वहां 29 सितंबर तक 116 दिन हो चुके हैं।

NASA चीफ ने 24 अगस्त बताया था कि सुनीता विलियम्स और बुच 6 महीने बाद फरवरी 2025 तक धरती पर लौटेंगे। NASA ने माना था कि एस्ट्रोनॉट्स को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल में लाना खतरनाक हो सकता है।

नासा ने बताया था कि सुनीता और बुच विल्मोर फरवरी में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से लौटेंगे।

अंतरिक्ष उड़ानें जोखिमपूर्ण हैं: बिल नेल्सन नेल्सन ने अंतरिक्ष यात्रा के खतरों को लेकर कहा था कि अंतरिक्ष की उड़ान जोखिमपूर्ण है, यहां तक ​​कि अपने सबसे सुरक्षित और सबसे सटीक समय पर भी। टेस्ट फ्लाइट को पूरी तरह सुरक्षित नहीं मान सकते हैं।

बुच और सुनीता को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रखने और बोइंग स्टारलाइनर को बिना चालक दल के वापस लाने का फैसला उनकी सुरक्षा के प्रति हमारे कमिटमेंट का नतीजा है।

नेल्सन ने बताया था कि हमने स्टारलाइनर के डिजाइन को सुधारना और इसमें आई खराबी के मूल कारणों को समझना चाहते हैं। इससे होगा कि बोइंग स्टारलाइनर​ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जाने के लिए ​हमारे चालक दल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकेगा।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर। तस्वीर 9 जुलाई 2024 की है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर। तस्वीर 9 जुलाई 2024 की है।

सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था सुनीता और बुश विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था।

लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था।

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे।

मस्क का स्पेस मिशन कामयाब, 4 एस्ट्रोनॉट धरती पर लौटे: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की पानी में लैंडिंग स्पेसएक्स का पोलारिस डॉन क्रू 15 सितंबर को पृथ्वी पर वापस लौट गया। ड्रैगन स्पेसक्रॉफ्ट ने दोपहर 1:06 बजे फ्लोरिडा के ड्राई टोर्टुगास कोस्ट पर लैंडिंग की। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार 27,000 Km प्रति घंटे थी। हवा से टकराने के कारण घर्षण पैदा हुआ और तापमान 1,900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

इलॉन मस्क की कंपनी के फाल्कन-9 रॉकेट से पोलारिस डॉन मिशन को 10 सितंबर को लॉन्च किया गया था। 5 दिन के इस मिशन में 4 एस्ट्रोनॉट जिस ऑर्बिट (1,408.1 km) में गए थे, उसमें 50 साल से ज्यादा समय से कोई एस्ट्रोनॉट नहीं गया। पूरी खबर पढ़ें…

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