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– श्री घंटाकर्ण देवस्थान पर विशेष कृपा दिवस कृष्ण चौदस के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ मासिक श्रद्धालु संगम
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। श्री घंटाकर्ण देवस्थान पर विशेष कृपा दिवस कृष्ण चौदस के उपलक्ष्य में मंगलवार को मासिक श्रद्धालु संगम आयोजित किया गया। इसमें पूरे दिन भक्ति से परिपूर्ण कार्यक्रम चले। महासाध्वी प्रमिला महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में भक्ति आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाने का माध्यम है। भक्तिपूर्ण समर्पण से असंभव को भी संभव किया जा सकता है और पराशक्तियों की दैवी कृपा से अलौकिक सफलता पाई जा सकती है।
सबसे पहले श्री घंटाकर्ण बीजमंत्र के सामूहिक जाप से दैवी शक्ति का आह्वान करते हुए लोकमंगल की कामना की गई। साध्वी जागृति, जयपाल सिंह, कर्मवीर, पुष्पा गोयल, नितिन जैन आदि ने सुमधुर भजनों से समां बांधा और भक्ति के माहौल में डुबोया। लक्खां तर गए लक्खां ने तर जाना जिन्हां ने तेरा नाम जपिया, जिसकी उंगली पर चलता है यह संसार है, वो कोई और नहीं मेरा घंटाकर्ण दातार है, जब-जब तेरा भक्त कहीं कोई रोता है आंख के आंसू से चरण को धोता है अक्सर तन्हाई में तुझे पुकारे, न जोर दिल पर चले, हम हारे-हारे-हारे तुम हारे के सहारे आदि भजनों ने सभी की हृदयतंत्रियों को झंकार दिया।
महासाध्वी प्रमिला महाराज ने कहा कि श्री घंटाकर्ण जी महाप्रभावी भक्तवत्सल देवता है जिनकी कृपा व्यक्ति को निहाल तथा मालामाल कर देती है। इनमें भक्तों के संकटों को टालकर भक्त के जीवन को निर्विघ्न बनाने की अप्रतिम क्षमता है। परालौकिक शक्तियां भक्ति से प्रसन्न होकर कंगाल को मालामाल, साधनहीन को साधन संपन्न तथा दर-दर ठोकरें खाने वाले को भी शाही ठाठ-बाट से युक्त बना देती हैं। श्री घंटाकर्ण जी सभी भारतीय परंपराओं के सर्वमान्य, परोपकारी, जनहितैषी देवता हैं जिनके अनुकूल होने पर सारी तकलीफें काफूर हो जाती हैं और जीवन-पथ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह सुकोमल तथा सुगमता से चलने योग्य बन जाता है। मंत्र शास्त्रों में श्री घंटाकर्ण के मंत्रों तथा साधना-विधियों का उल्लेख मिलता है जो मनोरथ पूर्ति, संकल्प सिद्धि, बाधा निवारण, शारीरिक कष्ट मुक्ति, भूत-प्रेत संबंधी बाधा निवारण, राजकीय संकट से छुटकारा पाने में रामबाण औषधि के समान कार्य करती है। आरती तथा प्रीतिभोज की सेवा प्रवीण गुप्ता की ओर से रही। अंत में बृहद घंटाकर्ण स्तोत्र सुनाया गया। सुखड़ी की प्रभावना बांटी गई।
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आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाने का मार्ग भक्ति : प्रमिला महाराज