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फतेहाबाद। फतेहाबाद की अनाज मंडियों में सरकार द्वारा सरकारी खरीद शुरू करने के निर्देश जारी होने के सात दिनों बाद भी परमल धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी। इस कारण किसानों को अनाज मंडी में फसल रखकर सरकारी खरीदारों का इंतजार करना पड़ रहा है। किसानों के अनुसार उनके पास पिछले सात दिनों से न तो कोई खरीद एजेंसी पहुंच रही है और न ही राइस मिलर खरीद करने पहुंच रहे हैं। ऐसे में किसानों का धान की खरीद शुरू होने का इंतजार अभी तक पूरा नहीं हो सका है। मंडी में खरीद नहीं होने के कारण अनाज मंडी धान की ढेरियों से पूरी तरह अट चुकी है। किसानों को मंडी में धान की फसल रखने में परेशानी होनी शुरू हो गई है।
राइस मिलरों के अनुसार सरकार प्रति क्विंटल धान में से 67 किलाेग्राम चावल की मांग करती है। मगर इतना चावल एक क्विंटल धान में नहीं निकलता है। ऐसे में प्रति क्विंटल धान की मात्रा को 67 किलोग्राम के बजाय 62 किलोग्राम किया जाना चाहिए। पिछले वर्ष राइस मिलरों को सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार 67 किलोग्राम धान देने के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए सरकार ने स्पष्ट मना कर दिया है। इस कारण राइस मिलर अपनी मांगें पूरी नहीं होने तक धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं कर रहे हैं।
मैं पिछले 10 दिनों से फतेहाबाद की पुरानी अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद के इंतजार में बैठा हूं। मंडी में सरकारी खरीदार तो कोई आया नहीं है। निजी व्यापारी सरकारी खरीद शुरू नहीं होने का फायदा उठाते हुए मेरी परमल धान की फसल का 1600 रुपये प्रति क्विंटल भाव लगाया है। सरकार को जल्द से जल्द सरकारी खरीद शुरू करवानी चाहिए।
-बलजीत, किसान गांव नागपुर
मैं पिछले एक सप्ताह से मंडी में ही रातें गुजार रहा हूं। सरकारी खरीद शुरू नहीं होने के कारण मैं अपने घर नहीं जा पा रहा हूं। मेरे खेत का काम बाकी है और आगे की फसलों की बिजाई के खाद बीज का भी प्रबंध करना है।
-रामकरण किसान,गांव मोहम्मद रोही।
:: मंडी में पहुंची धान की ढेरियों में नमी की मात्रा ज्यादा है। जिसके कारण खरीद नहीं की जा रही है। सरकार के तय मानकों के अनुसार 17 प्रतिशत तक की नमी वाली परमल धान की फसल की सरकारी खरीद की जाएगी।
-राजकुमार, सहायक सचिव मार्केट कमेटी फतेहाबाद।
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