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चौपाल में बैठकर चुनावी चर्चा करते ग्रामीण।
चोपटा। विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के साथ लगते नाथूसरी चोपटा क्षेत्र में चर्चाओं का दौर जारी है। इतना ही नहीं, चुनावी मुद्दों को लेकर भी इस बार मतदाता बड़े संवेदनशील है। चुनावी चौपाल में आमजन को आने वाली परेशानी से लेकर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि एमपी, एमएलए के लिए पढ़ाई का कोई बंधन नहीं ये बात समझ से परे है। सरकार को इसको लेकर नियम बनाना चाहिए। एमपी व एमएल की योग्यता होना बेहद जरूरी है।
चोपटा में चुनावी चर्चा के दौरान सतपाल, सुनील कुमार, सुमेर सिंह का कहना है कि चुनाव में शत प्रतिशत मतदान का हर संभव प्रयास किया जाएगा। चुनाव में योग्य, ईमानदार व मेहनती उम्मीदवार का ही चुनाव करेंगे। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त चुनाव होना चाहिए। पंच तथा सरपंच, जिला परिषद, ब्लाक समिति सदस्य प्रत्याशी के लिए पढ़ा लिखा होना जरूरी है तो विधायक व सांसद प्रत्याशी के लिए भी ये नियम होने चाहिए।
यह बनी रहती हैं समस्याएं
ग्रामीणों के अनुसार चुनावों के दौरान धरातल के मुद्दे पूरी तरह से गायब हो जाते हैं। राजस्थान से सटा होने के कारण सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी, बिजली और नहरी पानी की है। यहां तक की बस सुविधा की कमी, कच्ची गलियां सहित कई तरह की समस्याओं से ग्रामीणों को जूझना पड़ता है।
प्रत्याशी से लेंगे वादा, नशा नहीं बिकने देंगे
नाथूसरी चोपटा में ग्रामीण जगमोहन, जगदीश, मांगेराम, संतलाल, सुभाष, जॉनी ने कहा कि वह अपने वोट से सही नुमाइंदे को चुनेंगे। गांव में वोट मांगने के लिए आने वाले प्रत्याशी से पहले वादा लेंगे कि वह शराब व अन्य प्रकार का कोई नशा नहीं बिकने देंगे। वह गांव व क्षेत्र के सामूहिक विकास की बात करेंगे।
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Sirsa News: एमपी, एमएलए के लिए पढ़ाई पर बने नियम