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भिवानी के विजयनगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा सुनाती अनीता शास्त्री शांडिल्य।
भिवानी। विजयनगर अशोक रोड गली नंबर तीन में जारी श्रीमद् भागवत कथा आयोजित की जा रही है। इसके पांचवें दिन कथाव्यास अनीता शास्त्री शांडिल्य ने पूतना वध, वत्सासुर, अकासुर-बकासुर का वध का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि असुरों के उद्धार, अधर्म के विनाश, धर्म की स्थापना के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार किया। भक्तों के मन को प्रसन्न करने के लिए बाल लीलाएं कीं। माखन खाया, गोपियों से लीलाएं करना, मटकी फोड़ना, यशोदा मैया की रस्सी से बंधना, ग्वालों के साथ गाय चराना आदि लीलाओं का बखान किया गया।
कथा वाचिका अनीता ने कहा कि ये संसार एक सनातन वृक्ष है। इसका आश्रय प्रकृति है। इसके दो फल सुख और दुख हैं। तीन जड़ सत्व, रज, तम हैं। चार रस धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भगवान के नामों, रूपों का श्रवण, कीर्तन, स्मरण और ध्यान करता है, उसे जन्म-मृत्यु रूप संसार के चक्कर में नहीं आना पड़ता। इस दौरान अनीता पाहुजा, अनीता जायसवाल, किरण, ललिता, अंजू, पुष्पा, सीमा, रामदुलारी, प्रेमलता, सीमा आदि मौजूद रहे।
कान्हा ने किया था बुराई रूपी पूतना राक्षस का वध : बेला पारिख
जूई। जूई कलां में निर्माणाधीन श्रीश्याम मंदिर में श्री श्याम वैश्य चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से श्रीमद्भागवत कथा करवाई जा रही है। इसके तीसरे दिन के प्रसंग में वृंदावन से पधारीं बेला पारिख ने नंद महोत्सव का प्रसंग सुनाया। इस दौरान कान्हा के बाल रूप को याद किया गया क्योंकि भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप ने ही पूतना राक्षसी का उद्धार किया था।
यह श्रीमद्भागवत कथा 24 सितंबर तक दिन में दो से पांच बजे तक हो रही है। 25 सितंबर को सुबह हवन के साथ कथा का समापन होगा। कथा तोशाम से कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध ने भी कथा में पधार बेला पारिख से आशीर्वाद लिया। मंदिर समिति ने उनको सम्मानित किया। इस कथा में तोशाम से श्याम कीर्तन मंडल के प्रधान अनिल बागनवाला, ब्रह्मकुमारी बहन निर्मला, भीमसेन सिंघल, सेठ परमानंद, प्रवीण ऐरन, नरेश, महेश गोयल, प्रेम प्रजापत आदि मौजूद रहे।
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भगवान की लीलाओं के गान से धर्म, अर्थ, मोक्ष प्राप्ति : शांडिल्य