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करनाल। पढ़ाई, गेम, सोशल मीडिया और वीडियो की दुनिया ने बच्चों को मोबाइल स्क्रीन से बांध दिया है। कई घरों में हालात ऐसे हैं कि बच्चा सुबह आंख खुलते ही मोबाइल ढूंढता है और रात को उसी के साथ सोता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत अब बचपन की सबसे बड़ी दुश्मन बनती जा रही है जिसके लिए बच्चे को बचपन से मोबाइल से दूर रखना जरूरी है नहीं तो यह आगे चलकर भयावह और आक्रामक लत का रूप ले लेगी।
जिला नागरिक अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सौभाग्य कौशिक के अनुसार, मोबाइल की लत बच्चों के व्यवहार, सोच और मानसिक विकास पर गंभीर असर डाल रही है। अब ऐसे बच्चे सामने आ रहे हैं जो फोन न मिलने पर बेचैन हो जाते हैं, गुस्सा करते हैं या खुद में सिमटने लगते हैं। कुछ बच्चे परिवार से दूरी बनाकर डिजिटल दुनिया में खो जाते हैं। माता-पिता को बच्चों के व्यवहार में हो रहे बदलाव को समझना जरूरी है। अगर बच्चा हर वक्त मोबाइल के साथ रहता है, फोन छीनने पर चिड़चिड़ा हो जाता है, पढ़ाई में मन नहीं लगता या स्कूल का प्रदर्शन गिरने लगता है तो ये शुरुआती संकेत हैं।
सिर्फ रोकना नहीं, समझाना जरूरी
नागरिक अस्पताल से मनोरोग विभाग से काउंसलर संतोश ने बताया कि बच्चों से मोबाइल छीन लेना या उन्हें डांटना स्थिति को और खराब कर सकता है। सही तरीका यह है कि धीरे-धीरे मोबाइल के उपयोग का समय घटाया जाए और उनका ध्यान दूसरी गतिविधियों की ओर मोड़ा जाए। अगर बच्चे को खेलने, सीखने या परिवार से जुड़ने के अवसर मिलेंगे तो वह डिजिटल दुनिया से खुद-ब-खुद दूरी बनाने लगेगा। जब बच्चा किसी सकारात्मक कार्य में व्यस्त रहेगा तो उसे मोबाइल की कमी महसूस नहीं होगी।
माता-पिता खुद बनें उदाहरण
डॉ. सौभाग्य कौशिक का कहना है कि बच्चे वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं। अगर माता-पिता खुद हर वक्त मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, तो बच्चों से बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए सबसे पहले बड़ों को खुद डिजिटल अनुशासन अपनाना होगा। परिवार में दिन का एक समय ऐसा तय करें जब सभी सदस्य मोबाइल से दूर रहें और एक-दूसरे से बात करें। इससे न केवल पारिवारिक जुड़ाव बढ़ेगा बल्कि बच्चे में आत्मीयता और भावनात्मक संतुलन भी बनेगा।
मोबाइल की लत के लक्षण
रात को देर तक वीडियो देखना, गेम में समय का पता न चलना, परिवार या दोस्तों से बातचीत कम करना और फोन न मिलने पर बेचैनी महसूस होना भी मोबाइल निर्भरता के लक्षण हैं।
मोबाइल की लत से नुकसान
ध्यान की कमी, नींद की समस्या, आंखों में तनाव, अवसाद और आत्म मुग्धता, आत्मविश्वास में कमी।
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Karnal News: बचपन को मोबाइल फोन से रखें दूर वर्ना लग जाएगी लत


