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भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 2 टेस्ट की सीरीज 14 नवंबर से शुरू होने वाली है। पहला मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला जाएगा, जहां स्पिनर्स के अलावा तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग की मदद भी मिलेगी। ऐसे में साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज भी टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
रबाडा को टीम में 1000 फर्स्ट क्लास विकेट ले चुके ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर और लेफ्ट आर्म स्पिनर केशव महाराज का साथ भी मिलेगा। स्क्वॉड के वैसे तो 8 खिलाड़ी भारत में पहली बार टेस्ट खेलेंगे, लेकिन उन्हें सपोर्ट करने के लिए बल्लेबाजी में कप्तान टेम्बा बावुमा और ओपनर ऐडन मार्करम का अनुभव भी मौजूद है। बावुमा की कप्तानी में तो साउथ अफ्रीका आज तक कोई टेस्ट नहीं हारा है।
साउथ अफ्रीका के 5 प्लेयर्स, जो भारत की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं…
1. कगिसो रबाडा
स्पीड और उछाल से परेशान करते हैं
30 साल के कगिसो रबाडा साउथ अफ्रीका के पेस बॉलिंग अटैक को लीड करेंगे। पिछले 15 साल में उनसे ज्यादा विकेट साउथ अफ्रीका के लिए किसी ने नहीं लिए। 73 मुकाबलों में उनके नाम 340 विकेट हैं, उनकी बॉलिंग औसत महज 22.03 की है। यानी वे हर 22 रन देने में एक विकेट झटक लेते हैं।
एशियन कंडीशन में रबाडा हर 28 रन देने में एक विकेट लेते हैं। भारत में उनका तीसरा दौरा है, अब तक 6 टेस्ट में वे यहां 9 ही विकेट ले सके। नई गेंद से रबाडा को मार्को यानसन का साथ मिलेगा। अगर कंडीशन साथ दें तो दोनों ही गेंदबाज भारतीय टॉप ऑर्डर को नई गेंद से ही पवेलियन भेजने का दम रखते हैं।

2. केशव महाराज
एशिया में टीम के टॉप विकेट टेकर
साउथ अफ्रीका के लीड स्पिनर केशव महाराज भी 6 साल बाद भारत में टेस्ट खेलते नजर आएंगे। 2019 में उन्होंने 3 पारियों में 6 विकेट लिए थे। वे एशिया में मौजूदा टीम के टॉप विकेट टेकर भी हैं। 9 टेस्ट में महाराज के नाम 54 विकेट हैं। वे हर 30 रन देने के बाद एक विकेट झटक लेते हैं।
महाराज की लेफ्ट आर्म स्पिन भारत के राइट हैंड बैटर्स की मुश्किलों को बढ़ा सकती है। टीम इंडिया में केएल राहुल, कप्तान शुभमन गिल और ध्रुव जुरेल से जैसे दमदार राइट हैंडर्स हैं। कोलकाता और गुवाहाटी में अगर स्पिन को ज्यादा मददगार पिचें मिलीं तो महाराज लेफ्ट हैंड बैटर्स के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। वे करियर में 12 बार एक पारी में 5 विकेट ले चुके हैं और बैटिंग से भी टीम को मुश्किल परिस्थिति से निकालने का काबिलियत रखते हैं।

3. साइमन हार्मर
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1000 विकेट
कोलपैक डील खत्म होने के बाद 2022 में ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने साउथ अफ्रीका के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की। 2023 तक उन्हें 5 ही मुकाबलों में मौका मिला, लेकिन 2025 में उनके प्रदर्शन के दम पर टीम ने पाकिस्तान में टेस्ट जीत लिया। 20 दिन पहले रावलपिंडी टेस्ट में उन्होंने 8 विकेट लिए और टीम को जीत दिलाकर सीरीज 1-1 से ड्रॉ करवाई।
हार्मर 2015 के दौरे पर भारत में 2 टेस्ट खेल चुके हैं। तब उन्होंने महज 25.40 की औसत से 10 विकेट लिए थे। 2017 में बेहतर करियर ऑप्शन के लिए वे इंग्लैंड जाकर एसेक्स से काउंटी क्रिकेट खेलने लगे। जहां वे 2021 तक काउंटी के टॉप विकेट टेकर रहे। उनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1000 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है।
36 साल के हार्मर का अनुभव भारत के लेफ्ट हैंड बैटर्स को परेशान कर सकता है। टीम में यशस्वी जायसवास, साई सुदर्शन, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर जैसे लेफ्टी बैटर्स हैं।

4. ऐडन मार्करम
WTC फाइनल में शतक लगाया
डीन एल्गर के संन्यास के बाद साउथ अफ्रीका को मजबूत शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी ऐडन मार्करम के कंधों पर आ गई। 31 साल के राइट हैंड ओपनर ने इसी साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाकर टीम को चैंपियन बनाया था।
मार्करम के नाम एशियन कंडीशन में शतक लगाने का अनुभव भी है, लेकिन इन हालातों में उनका औसत महज 24.57 का है। भारत में भी मार्करम के नाम 11 की औसत से महज 44 टेस्ट रन है। हालांकि, उन्होंने 2019 के दौरान भारत में टेस्ट खेले थे। 6 साल में वे खुद को मजबूत बना चुके हैं और साउथ अफ्रीका को मजबूत शुरुआत दिला सकते हैं।

5. टेम्बा बावुमा
साउथ अफ्रीका को टेस्ट चैंपियन बनाया
2025 में साउथ अफ्रीका ने द लॉर्ड्स स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर ICC की WTC का खिताब जीता। तब टेम्बा बावुमा ही टीम के कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में साउथ अफ्रीका ने एक भी टेस्ट सीरीज नहीं गंवाई है। यहां तक कि टीम ने 10 में से 9 मुकाबले जीते भी है, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा।
WTC फाइनल में मार्करम के साथ बावुमा ने ही मैच विनिंग सेंचुरी पार्टनरशिप की थी। एशियन कंडीशन में वे 43 से ज्यादा की औसत से रन बनाते हैं। हालांकि, भारत में पिछले 2 दौरों पर वे एक भी फिफ्टी नहीं लगा सके। उनके सामने भारत में अपने बैटिंग रिकॉर्ड को सुधारने की चुनौती है।

8 प्लेयर्स पहली बार भारत में टेस्ट खेलेंगे
साउथ अफ्रीका जहां अपने 5 अनुभवी प्लेयर्स के दम पर भारत में 25 साल बाद टेस्ट सीरीज जीतने का सपना देख रहा है। वहीं टीम में 8 प्लेयर्स ऐसे भी हैं, जो पहली बार इंडियन कंडीशन में टेस्ट खेलेंगे। इनमें रायन रिकेल्टन, वियान मुल्डर, टोनी डी जॉर्जी, डेवाल्ड ब्रेविस, ट्रिस्टन स्टब्स, विकेटकीपर काइल वेरीने, मार्को यानसन और कॉर्बिन बॉश शामिल हैं।
स्पिनर सेनुरम मुथुसामी और बैटर जुबैर हम्जा को भारत में खेलने का अनुभव जरूर है, लेकिन दोनों ही प्लेयर्स एशियन कंडीशन में कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ सके। दूसरी ओर, टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से हारने के बाद पहली बार घरेलू कंडीशन में किसी टॉप-5 रैंक टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेगी।
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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका भारत दौरे पर है, जहां उसे दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। अफ्रीकी टीम के लिए यह दौरा आसान नहीं होगा, क्योंकि वह 15 साल से भारत में एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत सकी है। हालांकि, साउथ अफ्रीका जून 2025 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) जीतने के बाद एक भी सीरीज नहीं हारा है। पढ़ें पूरी खबर…
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